scriptAQI: जहरीली हुई एमपी के इस शहर की हवा, मास्क लगाकर ही निकलें बाहर | Air Quality Index: air of this city of MP is bad again, AQI level crosses 250 | Patrika News
ग्वालियर

AQI: जहरीली हुई एमपी के इस शहर की हवा, मास्क लगाकर ही निकलें बाहर

Air Quality Index

ग्वालियरDec 20, 2024 / 05:57 pm

Astha Awasthi

Air Quality Index

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Air Quality Index: जिले में सर्दी बढ़ते ही शहर की हवा एक बार फिर से खराब होने लगी है। ग्वालियर में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 269 पर पहुंच गया है, जबकि ग्वालियर में प्रदूषण पहले से ही 200 पार था। सर्दी बढऩे के साथ ही शहर के डीडी नगर में एक्यूआई 325, सिटी सेंटर क्षेत्र का एक्यूआई 306 और महाराज बाड़े का एक्यूआई 235 पर है, जो कि शहरवासियों के लिए किसी भी लिहाज से सही नहीं है।
यदि बात मध्यप्रदेश की कि जाए तो प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के समीर एप पर ग्वालियर 269 एक्यूआई के साथ महानगर में टॉप पर है, जबकि भोपाल 196, जबलपुर 152 और इंदौर 106 पर बना हुआ है। वहीं तेजी से बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए पर्यावरण विशेषज्ञों ने शहरवासियों से अपील की है कि वह आसपास कचरा न जलाने दें, मास्क लगाकर रखे और जरूरत होने पर ही मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकलें।

क्या होता है एक्यूआई

वायु प्रदूषण की मात्रा को मापने के लिए एक्यूआई यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स का इस्तेमाल किया जाता है। एक्यूआई की वैल्यू जितनी अधिक होती है वायु प्रदूषण का स्तर उतना ही ज्यादा होता है। कई मशीन के माध्यम से हवा का सैंपल लिया जाता है और उसमें से ओजोन, पीएम 10 व 2.5, कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड व अमोनिया की मात्रा को निकालकर एक फॉर्मूले में रखा जाता है। उससे जो वैल्यू आती है उसे एक्यूआई कहा जाता है।

एक्यूआई का पैमाना

-0 से 50 होने पर गुड श्रेणी
-51 से 100 पर संतोषजनक
-101 से 200 तक मॉडरेट
-201 से 300 में पुअर श्रेणी
-301 से 400 पर सीवर श्रेणी
-400 से 500 पर काफी खतरनाक

प्रदूषण बढऩे के कारण

-दिल्ली से लगातार दूषित हवा आने के साथ ही लगातार बढ़ती सर्दी से प्रदूषण बढ़ रहा है।
-शहर की जर्जर सडक़ें।
-भवन सहित अन्य निर्माण कार्य।
-पराली व कचरे का लगातार जलाए जाना।
-सडक़ों पर पानी का छिडक़ाव कम होना।
-लैंडफिल साइट व बरा में लगातार आग का लगना।
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प्रदूषण से बचाव के उपाय

-अधिक से अधिक पौधे लगाए जाए।
-सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और जलविद्युत ऊर्जा का उपयोग किया जाए।
-सार्वजनिक परिवहन का उपयोग अधिक करें और वाहनों का उपयोग कम।
-धूम्रपान कम से कम किया जाए।
-उद्योगों से निकलने वाले धुएं को नियंत्रित किया जाए।
-शहर में निर्माण कार्य कम हो या ढंककर ही करें।
-शहरवासी मास्क पहनकर ही निकलें।

फेंफड़ों का कैंसर, हृदय रोग सहित कई बीमारियों का खतरा

प्रदूषण का बढऩा चिंता का विषय है। क्योंकि प्रदूषण अधिक होने से आमजन को हवा में सांस लेने से प्रदूषित हवा से श्वास संबंधी रोग, ब्रोंकाइटिस, गले का दर्द, निमोनिया, फेफड़ों का कैंसर, हदय रोग व मधुमेह सहित अन्य बीमारियों का खतरा बना रहता है।

ये हो रहे है प्रदूषण रोकने के उपाय

शहर में प्रदूषण रोकने के लिए नगर निगम की ओर से सडक़ों पर पानी का छिडक़ाव, जर्जर सडक़ों पर पेचवर्क, ग्रीन पर्दा से ढांककर निर्माण कार्य, कचरा जलाने व गंदगी फैलाने वालों और पराली जलाने वाले पर जुर्माने की कार्रवाई की जा रही है। हालांकि अभी तक पराली व कचरा जलाने को लेकर किसी भी प्रकार की सख्त कार्रवाई नहीं की गई है।

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