ढोलक की थाप पर थिरके
रंग बरसे भीगे चुनर वाली…, मैं बरसाने की छोरी…, खइके पान बनारस वाला… सान्ग पर हर एक पूरी तरह से नाचने पर मशगूल था, तो दूसरी ओर महिलाएं हारमोनियम और ढोलक की थाप के साथ फाग गा रही थीं। वहीं यूथ इस खास ओकेजन को यादगार बनाने के लिए सेल्फी ले रहे थे। गुलाल लगाने से शुरू हुई यह होली रंगों में पूरी तरह से सराबोर होने पर खत्म हुई।
महिलाआें ने किया पुरुषों का ड्रेसअप
कार्यक्रम में सबसे अधिक आकर्षण का केन्द्र लट्ठ मार होली रही, जो शहर में पहली बार खेली गई। महिलाओं की टोली में से कुछ ने पुरुषों का ड्रेसअप किया। सिर पर पगड़ी, पायजामा-कुर्ता पहन जब महिलाओं ने उन पर लट्ठ बरसाए तो वह बचाव करते ही दिखे। हंसी-मजाक के बीच गुलाल और फूल की होली भी खास रही, जिसे हर एक ने एंजॉय किया।
व्यंजनों से महका परिसर
महिलाएं अपने-अपने घरों से व्यंजन बनाकर लाई थीं। इसमें गुझिया, दही बड़े, कचौड़ी, गाजर का हलवा परिसर को महका रहे थे। प्रतियोगिता में जजेज द्वारा डिश चखी गई व विनर्स की घोषणा की गई। जजेज द्वारा पार्टिसिपेंट्स से बनाने की विधि के बारे में जाना गया।