इस आधार पर तीनों बैंक मैनेजर समेत हितग्राहियों पर कूटरचित दस्तावेज के जरिए रकम गबन करने का केस आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने दर्ज किया है।
पांच साल चल रहा था पैसों के गबन का खेल
ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने बताया, एसबीआई की चंदेरी ब्रांच में पांच साल से पैसा गबन का खेल चल रहा था। इसमें तत्कालीन बैंक मैनेजर महेश कुमार शर्मा, बीके रैकवार,अमित कुमार श्रीवास्तव सहित सत्यपाल सिंह सूर्यवंशी ने तत्कालीन फील्ड ऑफिसर केके लगुन समेत 33 हितग्राहियों के साथ मिलकर कृषि ऋण के नाम पर करीब 98 लाख रुपए का गबन किया है। यह खेल 2009 से 2014 तक साल से चल रहा था। अब इसकी शिकायत क्षेत्रीय व्यवसाय कार्यालय के आवेदक दिनकर अर्गल ने की है। ये भी पढ़ें: सरोगेसी के नियमों में बड़ा बदलाव, संतान सुख पाने के लिए सरकार ने दी बड़ी राहत 16 प्रकरण जांच में पाए गए फर्जी
इस आधार पर मामले की जांच की गई तो इसमें पता चला कि बैंक के तत्कालीन अधिकारियों ने चक छपरा निवासी कलक्टर सिंह और 32 दूसरे हितग्राहियों के नाम से फर्जी दस्तावेज बैंक में जमा किए। इनके आधार पर कृषि ऋण जारी कर पैसा हड़पा है। ईओडब्ल्यू ने मामले की जांच की तो इसमें 16 प्रकरण के जरिए कृषि ऋण जारी होना बताया गया था। लेकिन इनका भौतिक अस्तित्व नहीं मिला। इस आधार पर ईओडब्ल्यू ने प्रकरण दर्ज कर मामले की आगे की जांच शुरू की।