बता दें कि, प्रदेश के गुना जिले की राजगढ़ तहसील में आने वाले प्राथमिक स्कूल ककवासा में पदस्थ शिक्षक भगवानलाल धाकड़ को हत्या समेत अन्य मामलों में राघौगढ़-विजयपुर थाने की पुलिस ने 23 दिसंबर 2002 को गिरफ्तार करके जेल भेजा था। उस दौरान वो 48 घंटे से अधिक समय जेल में बंद रहा था। ऐसे में नियमों के अनुसार, संविदा शिक्षक वर्ग-3 भगवानलाल धाकड़ को निलंबित कर दिया गया था।
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5 नवंबर 2004 को आजीवन कारावास, फिर भी मिलता रहा वेतन
इसके बाद जिला सत्र न्यायालय गुना में मामले की सुनवाई चली और आरोपी शिक्षक को 5 नवंबर 2004 को आजीवन कारावास की सजा सुनाकर जेल भेज दिया गया। पिछले 18 वर्षों से शिक्षक भगवानलाल धाकड़ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। इसकी जानकारी नियम अनुसार शिक्षा विभाग को भी है, लेकिन विभाग की ओर से नियमों की अनदेखी करते हुए दोषी पाए गए युवक की सरकारी सेवा समाप्ति की कार्यवाही नहीं की। निलंबित कर्मचारी को दिए जाने वाला गुजारा भत्ता, जेल में बंद हत्यारे को 18 साल तक दिया जाता रहा और इस अवधि में किसी भी जिम्मेदार को इसकी परवाह तक नहीं हुई।
लापरवाही का जिम्मेदार कौन ?
मंगलवार 8 मार्च 2022 को शिक्षा विभाग ने जांच रिपोर्ट जनपद सीईओ राघौगढ़ को सौंपी। इसके बाद आनन फानन में शिक्षक को बर्खास्त करने के आदेश जारी हुए। जिला शिक्षाधिकारी चंद्रशेखर सिंह सिसोदिया के अनुसार, शिक्षक 22 वर्ष से निलंबित है, पर हाल ही में जब रिकॉर्ड जांचे गए तो पता चला कि, शिक्षक को आजीवन सजा के तहत 5 नवंबर 2004 को जेल भेजा गया था, लेकिन उसके खिलाफ सेवा समाप्ति की कार्रवाई नहीं हुई। 1 नवंबर वर्ष 2021 को आरोप पत्र शिक्षक के खिलाफ जारी किया गया। विभागीय जांच के बाद जांच अधिकारी द्वारा जांच प्रतिवेदन 8 मार्च 2022 को प्रस्तुत किया गया। उसके बाद आरोपी शिक्षक की सेवाएं समाप्त की गई।
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