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उत्तर प्रदेश सरकार योग गुरु बाबा रामदेव के प्रतिष्ठान पतंजलि के मेगा फूड पार्क को ग्रेटर नोएडा में मिली जमीन का लैंड यूज बदलने पर अपनी मुहर लगा दी है। इसके साथ ही ग्रेटर नोएडा में पतंजलि के प्रस्तावित मेगा फूड पार्क लगाने का रास्ता भी साफ हो गया है। रामदेव के इस फूड पार्क में बड़ा निवेश होगा। संभावना जताई जा रही है कि इस निवेश से दस हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। योगी कैबिनेट ने पतंजलि आयुर्वेद में पतंजलि मेगा फूड पार्क को भी शामिल कर दिया है। गौरतलब है कि ग्रेटर नोएडा में बाबा रामदेव के पतंजलि मेगा फूड पार्क के लिए अखिलेश यादव ने जमीन दी थी। लेकिन सरकारी तेटलतीफी से नाराज पंतंजलि ने इसके निरस्त करने की बात कही थी। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी इस मामले को लेकर खुद हरकत में आए थे। इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दो बार योगगुरू रामदेव से बात हुई, जिसके बाद मामला शांत हुआ। इसके बाद सीएम योगी ने भूमि हस्तांतरण पर सहमति देने के लिए केंद्र सरकार से 30 जून तक का समय मांगा था।
दरअसल, सरकार ने पतंजलि आयुर्वेद कंपनी को यमुना एक्सप्रेस-वे पर 465 एकड़ जमीन फूड और हर्बल पार्क की स्थापना के लिए दी थी। पतंजलि की ओर से यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी को इस जमीन में से 50 एकड़ जमीन केंद्र की योजना के अनुसार फूड पार्क के लिए ट्रांसफर करने का आग्रह किया था। चूंकि कंपनी को जमीन का आवंटन कैबिनेट से हुआ था, इसलिए उससे किसी हिस्से का अलग हस्तांतरण भी कैबिनेट से ही हो सकता था। लिहाजा, योगी कैबिनेट ने लैंड यूज बदलने पर अपनी सहमति देकर मामले को शांत कर दिया है।
ग्रेटर नोएडा में बाबा रामदेव के पतंजलि मेगा फूड पार्क के लिए अखिलेश यादव ने जमीन दी थी। अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री रहते हुए 2016 में नोएडा में यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में पतंजलि फूड पार्क का शिलान्यास किया गया था। उस वक्त दावा किया गया था कि यह फूड पार्क शुरू होने से लगभग 10,000 लोगों को नौकरी मिलेगी। इस प्रॉजेक्ट में पतंजलि ग्रुप 1600 करोड़ रुपये का निवेश करने वाला है। पतंजलि फूड एंड हर्बल पार्क मेगा प्रोजेक्ट 455 एकड़ में बनना है।