9 महीने से लेकर 2 साल तक रहता है असर
मौसम विभाग की घोषणा के अनुसार, इस साल ला नीना की वजह से कड़ाके की ठंड पड़ने के आसार हैं। अगर ला नीना की बात करें तो इसकी शुरुआत अप्रैल एवं जून के बीच होती और अक्टूबर एवं फरवरी के बीच मजबूत हो जाती है। ला नीना का असर 9 महीने से लेकर 2 साल तक रहता है। यह समुद्र के पानी को पश्चिम की ओर धकेलने वाली तेज पूर्वी हवाओं को संचालित करता है, जिससे समुद्री सतह ठंड रहती है।
इन राज्यों में पढ़ने वाली है भयंकर ठंड
ऐसे में देश में कड़ाके की सर्दी पड़ने की संभावना है।
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर जैसे उत्तरी राज्यों में भीषण सर्दी देखने को मिल सकती है, जिससे पारा गिरकर 3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। कड़ाके की सर्दी और बारिश से फसलें भी प्रभावित हो सकती हैं।
अंतिम पड़ाव पर है मानसून
हालांकि, पहले से ही ला नीना का प्रभाव महसूस किया जा रहा है। अक्टूबर में इस साल का मानसून अपने अंतिम पड़ाव पर है। अब धीरे-धीरे सर्दी की शुरुआत होगी। इस बार की ठंड सबको घरों में कैद कर रखेगी। ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में जहां ठंडा तापमान और बढ़ी हुई बारिश से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।