बता दें कि सुमित नामक एक शख्स ने यह ट्वीट आर्इआईएमटी कॉलेज को ट्वीट किया और इस ट्वीट को डीजीपी और नोएडा पुलिस को टैग किया है। इस ट्वीट में आर्इआईएमटी में पढ़ने वाले असफाक मोहम्मद ख्वाजा के फेसबुक के पेज को दिखाया गया है, जिसमे पुलवामा में हुए जवानों की हत्या को जायज ठहराया गया है। कॉलेज के प्रशासन का कहना है की टि्वटर पर जो ट्वीट है वह असफाक मोहम्मद ख्वाजा के नाम से है, जो हमारा स्टूडेंट है, उसका नाम असफाक मोहम्मद खोजा है। स्टूडेंट का नाम गलत है फिर भी हमने जब स्टूडेंट से बात की तो उसने कहा की उसकी फेसबुक आईडी को हैक किया गया है। फोटो जरूर उसका है, लेकिन उसका नाम नहीं है। ना ही कोई उसने इस तरह का पोस्ट डाला है। इस बात को उस स्टूडेंट ने अपनी ओरिजिनल फेसबुक आईडी पर अपने स्टेटमेंट पर लिखा है। छात्र ने कहा कि उसने ऐसा कोई एंटी नेशनल कमेंट पास नहीं किया है। इस मामले में कॉलेज ने प्रॉक्टोरियल इंक्वायरी बोर्ड गठित कर दिया है, जिसमें 5 सदस्य हैं जो इस बात की जांच करेगा कि स्टूडेंट ने ऐसा कोर्इ स्टेटमेंट दिया है या नहीं।
वहीं कालेज प्रबंधन ने स्टूडेंट को सलाह दी है कि वह इस बात की कंप्लेंट करे, ताकि पुलिस की साइबर क्राइम सेल यह पता कर सके कि यह फेक आईडी किसने बनाई और कहां बनी है। इसके अलावा कालेज प्रबंधन अपने स्तर पर भी जानने की कोशिश कर रहा है कि यह कहां से बनी है और उसका सोर्स कहां से निकला है और किसने इस तरह से ट्वीट किया है।
यहां बता दें कि असफाक मोहम्मद खोजा एमए फाइनल ईयर का स्टूडेंट है और जम्मू कश्मीर का रहने वाला है। कॉलेज के प्रशासन का कहना है कि पुलवामा आतंकी हमला अत्यंत दुखद है। हम लोग कड़े शब्दों में इसकी भर्त्सना करते हैं और इस दुख की घड़ी में पूरा काॅलेज परिवार जवानों के परिवार के साथ है। अगर हमारे स्टूडेंट ने ऐसा कुछ किया होगा तो हम कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेंगे। असफाक मोहम्मद खोजा इस समय वह जम्मू में मौजूद है। जहां उसने अज्ञात हैकर के खिलाफ पुलिस स्टेशन में एफ़आईआर दर्ज करा दी है। पुलिस मुकदमा दर्ज़ कर मामले कि जांच में जुटी है।