सुबह और शाम के जाम में फंसते हैं स्कूली बच्चे
दरअसल,
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में सड़कों पर वाहनों का ज्यादा दबाव होने के चलते जाम की समस्या अब ग्रेटर नोएडा तक आ पहुंची है। इसका मुख्य कारण शहरी क्षेत्र का विस्तार और कॉलोनियों की बसावट को माना जा रहा है। ग्रेटर नोएडा में एलजी गोल चक्कर से लेकर रेयान गोल चक्कर, लेबर चौक डेल्टा-1, सेक्टर पी-3 तक गोल चक्करों पर सुबह और शाम को अक्सर जाम लग जाता है। यहां सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों के साथ नौकरी पेशा लोगों को उठानी पड़ती है। इस जाम की परेशानी से निपटने के लिए ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने नया प्लान तैयार किया है।
ग्रेटर नोएडा में कारगर नहीं होगी गोल चक्करों की व्यवस्था
ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के परियोजना महाप्रबंधक एके सिंह ने बताया कि भविष्य में गोल चक्कर की व्यवस्था ग्रेटर नोएडा में कारगर साबित नहीं होगी। इसी के चलते मुख्य सड़कों के चौड़ीकरण के साथ ही गोल चक्करों का आकार घटाने का निर्णय लिया गया है। पहले चरण में शहर के सबसे व्यस्ततम गोल चक्करों का आकार घटाकर वहां यूटर्न बनाए जाएंगे। इसके तहत ग्रेटर नोएडा वेस्ट में इटैहड़ा गोल चक्कर का आकार कम भी किया गया है। इससे जाम में थोड़ी राहत मिलने की संभावना है। अब ग्रेटर नोएडा में भी क्रमबद्ध तरीके से गोल चक्करों का आकार घटाया जाएगा।
मानक के अनुसार बनाए जाएंगे यूटर्न
ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के परियोजना महाप्रबंधक एके सिंह ने बताया “शहर में ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए गोलचक्करों का आकार कम किया जाएगा। इसके साथ ही जरूरी जगहों पर मानक के अनुसार यू-टर्न भी बनाए जाएंगे। पहले चरण में इसपर काम भी शुरू कर दिया गया है। पहले चरण के तहत ग्रेटर नोएडा में सूरजपुर-कासना रोड पर काम किया जा रहा है। इसके साथ ही शहर में ऐसे सभी गोलचक्करों को चिह्नित भी किया जा रहा। जहां सुबह और शाम को अक्सर जाम की समस्या है। लोगों को जाम से निजात दिलाना प्राधिकरण की प्राथमिकता है।”
बस-वे और पाथ-वे के निर्माण के लिए निविदा जारी
उन्होंने बताया कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट और ग्रेटर नोएडा को जोड़ने वाली 130 मीटर चौड़ी सड़क पर अलग से बस-वे का निर्माण किया जा रहा है। पहले चरण का काम पूरा होने के बाद एक मूर्ति से रोजा गोल चक्कर तक और मिलक गोल चक्कर से सैनी गोल चक्कर तक बस-वे के साथ पाथ-वे का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए 21 करोड़ रुपये की निविदा जारी कर दी गई है। हालांकि पहले चरण का काम पूरा होने के बाद इसपर काम शुरू किया जाएगा।