एसएसपी ऑफिस पहुंचे बाबा बालक दास का कहना है कि तीर्थ स्थलों पर भ्रमण के दौरान 20 वर्ष पहले वह मारिया से मिले थे। मारिया हमारी संस्कृति से काफी प्रभावित हैं और भगवान की आराधना में विश्वास रखती हैं। इसलिए मारिया ने उनके सामने शादी का प्रस्ताव रखा था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। उन्होंने बताया कि दोनों का एक बेटा और एक बेटी है। उनका बेटा ग्रेजुएशन प्रथम वर्ष और बेटी आठवीं कक्षा में पढ़ती है। दोनों बच्चे मारिया के पास गोवा में पढ़ाई करते हैं। मारिया जैतपुर आती-जाती रहती हैं। उन्होंने बताया कि बीस वर्ष पहले दोनों ने एक मंदिर में शादी की थी, लेकिन उस समय विवाह प्रमाण पत्र नहीं बनवाया था। अब बच्चों के स्कूल-काॅलेज में प्रवेश आदि के लिए विवाह प्रमाण पत्र की आवश्यकता पड़ती है। इसलिए वह अब विवाह प्रमाण पत्र बनवाना चाहते हैं। इस संबंध में एलआईयू अफसरों का कहना है कि बाबा के पास गौतमबुद्ध नगर में विवाह करने का कोई प्रमाण नहीं हैं। इसलिए वह उनकी मदद नहीं कर सकते हैं। हालांकि उन्हें कलेक्ट्रेट में अधिकारियों से मिलने की सलाह दी है।
भारतीय संस्कृति सं प्यार के कारण की बाबा से शादी वहीं, 53 वर्षीय मारिया का कहना है कि उनका परिवार अक्सर भारत आता रहता था। वह भी परिवार के साथ भारत आती थीं। इसलिए उन्हें भारतीय संस्कृति से प्यार हो गया। बाबा बालक नाथ से उन्हें लगाव था और वह अपने जीवन में कुछ अलग करना चाहती थीं। यही वजह है कि उन्होंने बाबा से शादी कर ली और भारत में ही रहने लगीं। इस संबंध में जैतपुर के ग्रामीणों का कहना है कि बाबा अधिकतर बाहर रहते हैं। उन्हें करीब 10 साल पहले ही बाबा बालक नाथ और स्पेन की महिला के विवाह के बारे में पता चला था।