इंडियन पोटाश लिमिटेड (आइपीएल) गोरखपुर में दो पीएसए (प्रेशर स्विंग एड्सोर्पशन) यूनिट यानी हवा से ऑक्सीजन बनाने वाला प्लांट लगाएगा। इनके ऑर्डर दिए जा चुके हैं। दोनों प्लांट जिला अस्पताल परिसर में 10 जून तक लग जाने की उम्मीद है। दोनों की क्षमता 30 क्यूबिक मीटर प्रति घंटा उत्पादन की होगी। यानी एक घंटे में पांच जंबो सिलिंडर रिफिल करने के लिए पर्याप्त लिक्विड ऑक्सीजन तैयार हो जाएगा।
इसी तरह नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड (एनएफएल) की ओर से गोरखपुर में 20 क्यूबिक मीटर प्रति घंटे की क्षमता वाला एक प्लांट लगाया जाएगा जो पोर्टेबल यूनिट होगी। 26 अप्रैल को इसका भी ऑर्डर हो चुका है और इसे एक जून तक स्थापित कर देने की योजना है। एचयूआरएल द्वारा गोरखपुर में दो प्लांट स्थापित किए जाएंगे। इनमें से प्रत्येक की क्षमता 18 क्यूबिक मीटर प्रति घंटे की होगी। दोनों प्लांट 28 से 45 दिन के भीतर स्थापित कर लिए जाएंगे।
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इन स्थानों पर लगेंगे एक-एक प्लांट
इंडो गल्फ कंपनी की ओर से संतकबीरनगर में ऑक्सीजन की पोर्टेबल पीएसए इकाई स्थापित की जाएगी। इसकी क्षमता 30 क्यूबिक मीटर प्रति घंटे की होगी। इसे 31 मई तक जिला अस्पताल परिसर में लगाया जाना है। सिद्धार्थनगर के जिला अस्पताल परिसर में आरसीएफ ने प्लांट लगाने का निर्णय किया है हालांकि इसकी स्थापना को लेकर, अभी प्रक्रिया प्रारंभिक चरण में है। इसी तरह फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स त्रावणकोर (एफएसीटी) की ओर से बस्ती के जिला अस्पताल परिसर में 30 क्यूबिक मीटर प्रति घंटे की क्षमता वाला प्लांट लगाया जाएगा। इस प्लांट के लिए 23 अप्रैल को ऑर्डर दिया जा चुका है। एक महीने में इसके स्थापित हो जाने की उम्मीद है।
संक्रमित मरीजों को समय पर सकेगी ऑक्सीजन
डीएम के. विजयेंद्र पाण्डियन ने कहा कि आने वाले दिनों में भी कोरोना संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन की कमी न हो, इसके लिए जिले में पांच ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं। साथ ही फर्टिलाइजर कंपनियों की ओर से बस्ती मंडल के कुछ अन्य जिलों में भी प्लांट लगाया जाएगा। इससे ऑक्सीजन की समस्या काफी हद तक समाप्त हो सकेगी।