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गोरखपुर में पुजारी का जला हुआ शव मिला, रात में मंदिर परिसर में ही सोए थे SSP डॉ. गौरव ग्रोवर ने अधिवक्ताओं को बताया, इस मामले में एक और गिरफ्तारी करने को कहा गया है। जबकि, बड़हलगंज मामले में जल्द ही हल निकाला जाएगा। कैंट इंस्पेक्टर को हटाने की प्रक्रिया चल रही है।
वकील पर हमला करने वाले दो आरोपी कचहरी में पीटे गए
दरअसल, 18 नवंबर को अधिवक्ता रविंद्र दुबे पर हमले की साजिश रची गई थी। तीन युवक वकील पर हमला करने सिविल कोर्ट पहुंचे थे। एक कंबल ओढ़कर उनपर हमले की फिराक में था कि इससे पहले वहां मौजूद अधिवक्ताओं को इसकी भनक लग गई।अधिवक्ताओं ने इनमें से दो हमलावरों को पकड़ लिया, जबकि तीसरा युवक, जो कथित तौर पर पिस्टल लेकर आया था, वह फरार हो गया। वकीलों ने पकड़े गए आरोपियों की जमकर पिटाई की और फिर उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया।स विवाद के बाद पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास की धारा (307) के तहत केस दर्ज किया। लेकिन अधिवक्ताओं का आरोप है कि पुलिस ने आरोपियों पर कार्रवाई करने की बजाय उन्हें जल्दबाजी में थाने से छोड़ दिया, जिसके बाद से ही अधिवक्ता लगातार प्रदर्शन कर कार्यबहिष्कार पर हैं।
कचहरी में तैनात है फोर्स फिर भी सुरक्षा को लेकर बढ़ी वकीलों की चिंता
हालांकि, कोर्ट सहित अन्य संवेदनशील जगहों के सुरक्षा की जिम्मेदारी अब SSF (स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स) के हाथों में है। बावजूद इसके इस घटना के बाद कचहरी परिसर में हड़कंप मच गया और अधिवक्ता अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।वहीं, पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए जा रहे हैं, खासकर यह सवाल कि कैसे गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज होने के बावजूद आरोपियों को बिना ठोस कार्रवाई के छोड़ दिया गया। अब यह मामला तूल पकड़ चुका है। अधिवक्ताओं ने अधिकारियों से सख्त कार्रवाई की मांग की है।