उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बात के लिए बधाई के पात्र हैं के सम्पूर्ण विश्व को योग के लिए उत्प्रेरित करने वाले इस अंतराष्ट्रीय दिवस को अंतराष्ट्रीय बिरादरी के सम्मुख उन्होंने स्वीकृति दिलाकर उन्हें संयुक्त राष्ट्र में सहमत किया। इसे भारत के लिए एक अंतराष्ट्रीय कूटनीतिक विजय ही नहीं अपितु भारतीय सांस्कृतिक विरासत का विश्व पटल पर गौरवमंडन के रूप में लिया जाना चाहिए। चित्त की वृत्तियों का निरोध करने वाले योग में सम्पूर्ण विश्व को जोड़ने और शान्ति, समता और विश्वबंधुत्व की अपरिमित शक्ति है। आज आवश्यकता है सम्पूर्ण विश्व भोग से योग की ओर उन्मुख हो।