पूर्वोत्तर भारत के छात्र गोरखपुर पहुंचे
पूर्वोत्तर के विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि 23 से 27 जनवरी तक गोरखपुर में कार्यकर्ताओं के परिवार के साथ रहेंगे और विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों में शामिल होंगे, जिससे उन्हे उत्तर भारत की विशिष्ट पद्धति से परिचित कराया जा सके। इस दौरान उन्हे गोरखपुर की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक व यहाँ की परंपराओं को जानने का अवसर मिलेगा।
1966 से अस्तित्व में आई SEIL
गौरतलब हो कि सन् 1966 से ABVP द्वारा पूर्वोत्तर राज्यों के युवाओं को शेष भारत से परिचय कराने के उद्देश्य से अंतर्राज्यीय छात्र जीवन दर्शन (सील) की शुरुआत की गई थी। प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाली इस यात्रा में पूर्वोत्तर के सभी राज्यों से प्रतिनिधि भाग लेते हैं। इसी प्रकार से भारत के विभिन्न राज्यों के युवा प्रतिनिधि उसी वर्ष में SEIL (सील) यात्रा के अन्तर्गत पूर्वोत्तर राज्यों की यात्रा करते हैं।
‘राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा 2025’
22 जनवरी से 13 फरवरी 2025 तक आयोजित ‘राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा 2025’ में पूर्वोत्तर भारत के 256 छात्र एवं छात्राएं शेष भारत का भ्रमण करेंगे। इनमे से पूर्वोत्तर के 29 विद्यार्थीयों का “रानी मां गाइदिन्ल्यू” नामक एक समूह गोरखपुर का सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक विरासत का अनुभव करेगा।
ऐतिहासिक स्थलों, शिक्षक संस्थानों से होगा परिचय
इस दौरान प्रतिनिधियों ने आज गीता प्रेस भ्रमण और गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पूनम टंडन से मुलाकात किया , इसके बाद प्रतिनिधियों को गोरखनाथ मन्दिर, चौरी-चौरा शहीद स्मारक,बौद्ध संग्रहालय, गीता वाटिका आदि प्रमुख स्थानों का भ्रमण कराया जाएगा साथ ही गोरखपुर के प्रमुख शैक्षिक संस्थानों के विद्यार्थियों से भी उनका परिचय कराया जाएगा। इस समूह में मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, असम, त्रिपुरा, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम से विद्यार्थी प्रतिनिधि शामिल है।
गोरक्ष प्रांत मंत्री मयंक राय
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, गोरक्ष प्रांत मंत्री मयंक राय ने कहा कि अभाविप द्वारा चलाई जा रही ‘राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा’ के माध्यम से प्रतिनिधियों को पूरे भारत की विविधता के विषय में जानने का अवसर मिलेगा। दुनिया में रंग, रूप और भाषा के नाम पर देश बन जाते हैं, संघर्ष होते हैं परंतु यह राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा ‘अनेकता में एकता-भारत की विशेषता’ के प्रत्यक्ष भाव की यात्रा है, यह दर्शन और अनुभव करने की यात्रा है। पूर्वोत्तर से आए प्रतिनिधि यहाँ कार्यकर्ताओं के परिवार में रहकर यहाँ के लोगो से जुड़ेंगे , संस्कृतिक तालमेल स्थापित होंगे,इसके साथ आत्मीयता व राष्ट्रीय एकात्मता का जागृत होगी।