जैसे ही यह वीडियो वायरल हुआ तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियो ने इसे गंभीरता से लिया और आनन-फानन में स्वास्थ्य विभाग की टीम और आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे वहां पर देखा गया कि वहां किसी की मौत नहीं हुई थी, बल्कि जिस शक्स के बारे में इस तरह की झूठी अफवाह उड़ाई गई उसे बीपी और शुगर की कुछ समस्या थी। जिसके कारण उसकी तबीयत खराब हुई थी। जिसे अब जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी नरेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि एक वीडियो गुरुवार को वायरल हुई। जिसमें क्वॉरेंटाइन सेंटर में एक कोरोना संदिग्ध की मौत के बारे में बताया गया था। जैसे ही यह जानकारी मिली तो स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची तो वह महज अफवाह पाई गई। क्योंकि जिसके बारे में इस तरह की अफवाह फैलाई गई वह 60 वर्षीय शख्स 4 दिन पहले ही क्वॉरेंटाइन में रखे गए थे। वह बीपी और शुगर के मरीज हैं, उनकी कुछ तबीयत खराब हुई थी। इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है और फिलहाल वह बिल्कुल ठीक हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि क्वॉरेंटाइन कोई सजा नहीं है। यह केवल सुरक्षा की दृष्टि से ही किया जाता है। ताकि वह खुद सुरक्षित रहें और अपने घरवालों को भी सुरक्षित रख सकें। जिसके द्वारा वह वीडियो वायरल की गई है, उसकी गहनता से जांच करते हुए उसमें जिसकी भी आवाज आ रही है। उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा यह भी अपील की गई है कि इस दौर में बेवजह की अफवाह फैलाई जाए और लोगों को भी ऐसी अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।