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हालांकि, इस बात पर सफाई देते हुए भाजपा के आला नेताओं ने बताया कि कुछ लोग ही ऐसे थे, जोकि वीके सिंह के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे और उन्हें विपक्ष के लोग खड़े किए हुए थे। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जनरल वीके सिंह के पक्ष में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को रोड शो करना था। इसलिए जनरल वीके सिंह को वहां जन संपर्क करना ही नहीं था। वह केवल और केवल अपने कुछ पुराने लोगों से मिलने गए थे। इसलिए जनरल वीके सिंह वापस आए हैं।
बहरहाल, कहीं न कहीं इस बात से यह साफ हो गया है कि गाजियाबाद में गठबंधन अपनी पकड़ तेजी से बना रहा है, क्योंकि जनरल वीके सिंह के खिलाफ नारेबाजी करने वाले लोग गठबंधन के प्रत्याशी के पक्ष में भी नारे लगा रहे थे । लेकिन अब इन प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला गाजियाबाद की जनता 11 अप्रैल को करेगी। उसके बाद ही यह साफ हो पाएगा कि गाजियाबाद में कौन परचम लहरा कर यहां का सांसद बनेगा। आपको बता दें कि से ही हालात का सामना भाजपा के गौतमबुद्धनगर सीट से प्रत्याशी और मौजूदा सांसद व केन्द्रीय मंत्री महेश शर्मा को भी जगह-जगह करना पड़ रहा है। इसके अलावा बुलंदशहर से भाजपा प्रत्याशी और मौजूदा सांसद भोला सिंह के खिलाफ भी लोगों का आक्रोश फूट रहा है। इन सभी नेताओं के खिलाफ इलाके केलोग कोई विकास कार्य नहीं कराने की वजह से भड़के हुए हैं।