दरअसल जिलाधिकारी ने पहले दिन ही सभी स्कूलों का जायजा लिया और वहां के स्टाफ की उपस्थिति के बारे में भी जाना। वहीं स्कूल में मौजूद बच्चों से भी वार्ता करते हुए पूछा गया कि इतने दिन बाद वह कैसा महसूस कर रहे हैं। छात्रों ने बताया कि कोविड-19 के चलते जो सरकार द्वारा गाइडलाइन दी गई है। उन सभी गाइडलाइन का पालन करते हुए उनके अभिभावकों ने उन्हें स्कूल भेजा है। लेकिन बच्चों की उपस्थिति पूरी नहीं है। बच्चों की संख्या काफी कम है और वह खुद स्कूल आकर बहुत अच्छा महसूस कर रहे हैं। लेकिन इस दौरान उन्हें अपने दोस्तों की कमी भी खल रही है। क्योंकि जो बच्चे अनुपस्थित हैं उनमें से इन बच्चों के दोस्त भी शामिल हैं।
जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे ने भ्रमण के दौरान जिला विद्यालय निरीक्षक को भी निर्देश दिए कि वह स्कूलों पर पूरी दृष्टि बनाए रखें तथा नियमित रूप से टीम बनाकर स्कूलों का भ्रमण किया। निरीक्षण कोविड-19 गाइडलाइन के अनुसार सुनिश्चित कराएं। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिए हैं कि वह अपने-अपने स्कूलों में कोविड-19 से संबंधित एक शिकायत पंजिका भी बनाएं। जिसमें कोई भी छात्र या छात्रा कोविड-19 से संबंधित अपनी शिकायत दर्ज करा सके ।जिसका समय समय पर जिला विद्यालय निरीक्षक को उक्त शिकायत पंजिका को चेक करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
इसके साथ ही जिला विद्यालय निरीक्षक को यह भी कहा गया है। कि वह जनपद के समस्त स्कूलों को कोल्ड हेल्प लाइन सेल कंट्रोल रूम के नंबर भी अवश्य उपलब्ध कराएं ।जिसके अनुपालन में जिला विद्यालय निरीक्षक ने जनपद के समस्त स्कूलों को कॉविड हेल्पलाइन सेल कंट्रोल रूम के सभी नंबर भी उपलब्ध करा दिए हैं। जिलाधिकारी ने स्कूलों में छात्र-छात्राओं एवं अध्यापकों की कोविड-19 से सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जनपद के कोविड कंट्रोल रूम में विद्यालय को वर्ड हेल्पलाइन नाम से एक अलग विंग भी बनाई है । जिसमें स्कूलों के अध्यापकों एवं छात्र छात्राओं तथा स्कूल में कार्य करने वाले कर्मचारियों का कोविड-19 से संबंधित शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। बहराल कोविड-19 संक्रमण के चलते लॉकडाउन के बाद स्कूल अवश्य खुले हैं। लेकिन छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बेहद कम दिखाई दी और छात्रों से लेकर अध्यापिका और अध्यापकों में भी कोविड-19 संक्रमण का का खौफ भी नजर आया ।