VIDEO: इस मंदिर में रावण ने चढ़ाया था अपना पहला सिर, शिवरात्रि पर लाखों कांवड़िये करेंगे जलाभिषेक
खबर के मुख्य बिंदु-
महंत नारायण गिरी महाराज बोले- इस बार कुंभ मेले की तरह भव्य होगा कांवड़ मेला
गाजियाबाद स्थित प्रसिद्ध भगवान दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर में प्रशासन ने किए सुरक्षा के खास इंतजाम
सीसीटीवी, एलईडी स्क्रीन, वायरलेस सेट और ड्रोन कैमराें से रख्री जाएगी असामाजिक गतिविधियों पर नजर
VIDEO: इस मंदिर में रावण ने चढ़ाया था अपना पहला सिर, शिवरात्रि पर लाखों कांवड़िये करेंगे जलाभिषेक
गाजियाबाद. हर साल की भांति इस बार भी गाजियाबाद स्थित प्रसिद्ध भगवान दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर में कांवड़ मेले का आयोजन धूमधाम से किया जाएगा। इस बार लाखों की संख्या में शिव भक्त हरिद्वार से गंगाजल लाकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करेंगे। इसलिए मंदिर में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं। इस बार दूधेश्वर मंदिर में भी कुंभ मेले की तर्ज पर भव्य कांवड़ मेले का आयोजन किया जाएगा। यह जानकारी शुक्रवार को दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर के महंत नारायण गिरी महाराज ने प्रेसवार्ता के दौरान दी।
महंत नारायण गिरी महाराज ने बताया कि गाजियाबाद स्थित भगवान दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर काफी प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर की स्थापना रावण के पिता विश्वेश्वरय्या द्वारा की गई थी और रावण ने भी यहां भोलेनाथ की आराधना की थी। उन्होंने बताया कि रावण ने भगवान भोलेनाथ को खुश करने के लिए पहला सिर यहीं पर चढ़ाया था। इस मंदिर की मान्यता है कि जो भी भक्त यहां अपनी मनोकामना लेकर आता है और सच्चे मन से भोलेनाथ की आराधना करता है। भगवान भोलेनाथ उसकी सभी मनोकामना निश्चित तौर पर पूरी करते हैं। महंत नारायण गिरी ने बताया कि सावन के महीने में बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं, जिसके लिए खास इंतजाम किए जाते हैं।
चप्पे-चप्पे पर तैनात रहेंगे सुरक्षाकर्मी उन्होंने बताया कि प्रशासन की ओर से सुरक्षा की पूरी तैयारी की जाती है। सुरक्षा को लेकर चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान तैनात रहते हैं। उन्होंने बताया कि इस बार कांवड़ मेला कुंभ की तरह मनाया जाएगा। यानी किसी भी शिवभक्त को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो इस बात का विशेष ख्याल रखा गया है। उन्होंने बताया कि मुख्य मेला 29 जुलाई से 31 जुलाई तक चलेगा। शिवरात्रि का व्रत मंगलवार 30 जुलाई को होगा तथा इसी दिन लाखों की संख्या में शिवभक्त यानी कांवड़िए हरिद्वार, गंगोत्री, गौमुख से गंगा जल लाकर भगवान दूधेश्वर नाथ का जलाभिषेक करेंगे। 30 जुलाई को ही भगवान दूधेश्वर 8 पहर की विशेष पूजा भी शुरू की जाएगी।
यह भी पढ़ें- UP के इस जिले में बच्चों की हुई बल्ले-बल्ले, 30 जुलाई तक बंद रहेंगे स्कूलड्रोन कैमरों से रखी जाएगी नजर वहीं मंदिर विकास समिति के अध्यक्ष धर्मपाल गर्ग ने बताया कि मंदिर अपने नए स्वरूप में शिव भक्तों का स्वागत करने के लिए पूरी तरह तैयार है। यहां सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। जिला प्रशासन द्वारा भी कांवड़ मेले को भव्य मनाए जाने के उद्देश्य से कई तरह की विशेष तैयारियां की गई हैं। मंदिर परिसर में मेला क्षेत्र सीसीटीवी एवं ड्रोन कैमराें और एलईडी स्क्रीन, वायरलेस सेट से कवर किया जाएगा, ताकि असामाजिक गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव से नियंत्रण पाया जा सके।
कांवड़ियों के ठहरने की विशेष व्यवस्था उन्होंने बताया कि कांवरियों के ठहरने की व्यवस्था शंभू दयाल इंटर कॉलेज डिग्री कॉलेज में की गई है। जहां प्रशासन की ओर से कावड़ियों की सुविधा के लिए जल मोबाइल शौचालय की व्यवस्था भी की गई है। इसके साथ ही चिकित्सा सुविधा भी हर समय उपलब्ध रहेगी। संपूर्ण मेला क्षेत्र की सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में पुलिस और पीएसी के जवानों के साथ महिला पुलिस और नागरिक सुरक्षा के वार्डन मंदिर समिति के स्वयंसेवक कांवड़ियों के बीच मौजूद रहेंगे।
जानिये कब चढ़ाया जाएगा जल दूधेश्वर श्रंगार सेवा समिति के अध्यक्ष विजय मित्तल ने बताया कि सावन में प्रतिदिन भगवान दूधेश्वर नाथ की विभिन्न रूपों में आरती से पहले भव्य श्रृंगार व 108 व्यंजनों का भोग लगाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हाजिरी का जल प्रदोष 29 जुलाई सुबह 6:00 बजे से त्रयोदशी का जल सुबह 5:46 से दोपहर 2:49 तक एवं उसी दिन चतुर्दशी का जल दोपहर 2:50 से शुरू होकर बुधवार 31 जुलाई को सुबह 11:57 तक चढ़ाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस बार लगभग 4 से 5 लाख कांवड़िए और कई लाख स्थानीय श्रद्धालु भक्तों द्वारा भगवान दूधेश्वर नाथ का जलाभिषेक किया जाएगा।