Kanwar Yatra: करोड़ों का सोना पहनकर कांवड़ ला रहे गोल्डन बाबा के काफिले की सुरक्षा है अभेद्य
खबर के मुख्य बिंदु-
8 SUV गाड़ी व 40 सुरक्षाकर्मी तैनात हैं गोल्डन बाबा की सुरक्षा में
गोल्डन बाबा की बीमारी को देखते हुए साथ-साथ चल रही है एम्बुलेंस
अपने जीवन की 26वीं कांवड़ लेकर गाजियाबाद पहुंचे गोल्डन बाबा
Kanwar Yatra: करोड़ों का सोना पहनकर कांवड़ ला रहे गोल्डन बाबा के काफिले की सुरक्षा है अभेद्य
गाजियाबाद. महानगर में कांवड़ियों का आगमन शुरू हो गया है। कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2019) के दौरान जहां देश भक्ति के रंग में रंगी कांवड़ जहां लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। वहीं एक कांवड़िया ऐसा भी है, जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है। जी हां, इस शिवभक्त का नाम है गोल्डन बाबा। हर वर्ष की तरह जैसे ही गोल्डन बाबा का काफिला जैसे ही गाजियाबाद पहुंचा उनकी एक झलक पाने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो गई। बता दें कि इस बार गोल्डन बाबा उर्फ सुधीर मक्कड़ 21 किलो सोना पहनकर कांवड़ यात्रा पर हैं। वहीं उनके काफिले में 2 फॉरच्यूनर कार, 2 स्कॉर्पियो कार, 2 इनोवा कार, 2 क्वालिस कार, 3 बड़े ट्रक, 5 टैम्पो के साथ एक एंबुलेंस भी शामिल है। इसके साथ ही गोल्डन बाबा की सुरक्षा में 30 निजी सुरक्षाकर्मी, 8 बाउंसर और 2 गनर भी साथ-साथ चल रहे हैं।
बता दें कि श्री गोल्डनपुरी आश्रम के महंत गोल्डन बाबा अब तक 25 कांवड़ ला चुके हैं। इस बार यह उनकी 26वीं कांवड़ है। गोल्डन बाबा ने अपने काफिले के साथ 22 जुलाई को हरिद्वार से कांवड़ यात्रा की शुरुआत की थी। जैसे ही वह गाजियाबाद पहुंचे तो सड़क के दोनों ओर लोगों की भीड़ लग गई। सब लोग बस उन्हें और उनके पहनावे को देख रहे थे। बताया जा रहा है कि गोल्डन बाबा दिल्ली स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर में भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करेंगे। गोल्डन बाबा ने बताया कि वह पिछली बार 17 किलोग्राम सोना पहनकर कांवड़ लाए थे। इस बार उनकी इच्छा 25 किलोग्राम सोने के जेवर पहनकर कांवड़ लाने की थी, लेकिन गले के ऑपरेशन की वजह से वह 21 किलोग्राम सोना ही पहन सके हैं।
यहां बता दें कि गोल्डन बाबा उर्फ सुधीर मक्कड़ पहले कपड़े और प्रॉपर्टी के कारोबार से जुड़े थे, लेकिन 2013 में कुंभ मेले में महात्मा बनने के बाद उन्होंने अपना कारोबार बंद कर दिया था। 26 साल पहले जब सुधीर मक्कड़ ने पहले कांवड़ उठाई थी उस समय सोने के भाव 207 रुपये प्रति तोला था। उस समय उन्होंने सिर्फ तीन-चार तोले सोना ही पहना था। जैसे-जैसे समय बीता उनका सोना पहनने का शोक बढ़ता ही गया। उन्होंने बताया कि इस बार उनके गले का ऑपरेशन हुआ है। इसलिए डॉक्टरों ने उन्हें ज्यादा जेवर नहीं पहनने की सलाह दी है। इसके बावजूद उनका सोने के प्रति लगाव ही है, जो वह इस बार 21 किलो पहनकर कांवड़ लाए हैं।