चीन की शुरुआत रही आक्रमक-
इस मुकाबले में चीन ने शुरुआत से ही ‘हाईप्रेस’ खेल दिखाकर मेहमान टीम के डिफेंस पर दबाव बनाने की कोशिश की। चीन को तीसरे मिनट में ही कॉर्नर मिला और भारत की कप्तानी कर रहे डिफेंडर संदेश झिंगन ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए मेजबान टीम को बढ़त नहीं बनाने दी। मैच के सातवें मिनट चीन ने अपनी बाईं छोर से अटैक किया। मेजबान टीम ने बॉक्स के अंदर हेडर के जरिए गोल करने का प्रयास किया लेकिन इस बार भी झिंगन गेंद को मैदान से बाहर भेजने में कामयाब रहे।
गाओ लिन का 100वां मैच-
लगातार आक्रामक फुटबाल खेल रही चीन को 13वें मिनट में काउंटर अटैक का सामना करना पड़ा। युवा मिडफील्डर अनिरुद्ध थापा ने चीन के 18 गज के बॉक्स में अपनी दाईं ओर मौजूद प्रीतम कोटाल को पास दिया। कोटाल ने गोल की ओर शॉट लगाया जिस पर चीन के गोलकीपर यान जुनलिंग ने शानदार बचाव किया। यहां भारत के पास बढ़त बनाने का बेहतरीन मौका था। मैच के 24वें मिनट में चीन ने अपने बाएं फ्लेंक से गोल करने का प्रयास किया, जिस पर संधू ने बेहतरीन बचाव किया। अपना 100वां मैच खेल रहे 32 वर्षीय गाओ लिन ने बॉक्स के अंदर से गोल की ओर शॉट मारा लेकिन संधू ने अपने बाएं पैर का उपयोग करते हुए भारतीय टीम को मैच में बनाए रखा।
भारतीय डिफेंडरों का खेल-
इसके बाद, मेजबान टीम ने मैच पर अपनी पकड़ फिर से बना ली और लगातार अटैक किए। भारतीय डिफेंडर नारायण दास को चीन के फारवर्ड खिलाड़ियों की तेजी से बहुत परेशानी हुई लेकिन उन्होंने अपनी टीम को पहले हाफ में पिछड़ने नहीं दिया। मैच में बढ़त न बना पाने के कारण चीन के मुख्य कोच मार्सेलो लिप्पी ने टीम में बदलाव किए और दूसरे हाफ की भी दमदार शुरुआत की।
अंत तक होते रहे गोल के मुकाबले-
गाओ लिन को 50वें मिनट में छह गज के बॉक्स के बाहर से गोल करने का शानदार मौका मिला लेकिन वह गेंद को गोलपोस्ट पर मार बैठे। भारतीय टीम ने छह मिनट बाद अटैक किया। इस बार बॉक्स के अंदर फारवर्ड खिलाड़ी उदांता सिंह को गेंद मिली लेकिन वह भी अपनी टीम को बढ़त नहीं दिला पाए। मैच के अंतिम 10 मिनट में चीन ने गेंद पर नियंत्रण रखते हुए मेहमान टीम के डिफेंस को भेदने की कोशिश की। संधू ने अंतिम क्षणों में भी अपना संयम नहीं खोया और शानदार बचाव करते हुए चीन को जीत से महरूम रखा।