थाना दक्षिण के मोहम्मदगंज निवासी अजरा बेगम की शादी 25 अक्तूबर 2008 को शिकोहाबाद गढ़ैया मोहल्ला के अंसार उर्फ मुन्ना पुत्र इश्तियाक अहमद के साथ हुई थी। अतिरिक्त दहेज की खातिर पति ने उसे चाकू मारकर घायल कर दिया। उसने थाना दक्षिण में मुकदमा दर्ज करया। उसमें अन्सार को पुलिस ने जेल भेज दिया। बाद में राजीनामा कर वह अजरा बेगम को घर ले गए। कुछ दिन बाद मारपीट कर उसे उसकी बेटी के साथ घर से निकाल दिया। वह अपने मायके रहने लगी।
4 अगस्त 2015 को अपने भाई अतीक के साथ सरकारी अस्पताल से घर जा रही थी। गांधी पार्क पर दो बाइकों पर सवार उसके पति अंसार, देवर मोहम्मद शहजाद व मोहम्मद आजाद व ननद अकीला ने रिक्शा रोक लिया। उन लोगों ने उस पर तेजाब डाल दिया। घटना की थाना उत्तर में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। मुकदमा अपर सत्र न्यायाधीश जयसिंह पुंडीर की अदालत में चला। सरकार की तरफ से मुकदमे की पैरवी कर रहे एडीजीसी नरायण सक्सैना ने की। एक आरोपी मौहम्मद आजाद की मौत हो गई। गवाहों के बयान व साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने तीनों को दोषी माना। न्यायालय ने तीनो को 10-10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। उन पर पांच पांच हजार रुपया अर्थदंड लगाया। अर्थदंड की राशि पीड़िता को देने के आदेश दिए। अर्थदंड न देने पर उनको पांच पांच माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। आरोपियों को सजा सुनाए जाने पर पीड़िता ने अल्लाह का शुक्र गुजार किया है।