लॉकडाउन के बीच नई कंपनियों को SEBI की राहत, IPO जारी करने की डेडलाइन बढ़ी
बीमा नियामक प्रधिकरण ने 21 अप्रैल को इस बारे में एक सर्कुलर जारी किया है। इसके मुताबिक, कोरोना महामारी को देखते हुए पॉलिसी होल्डर्स ( policy holders ) को किस्तों में प्रीमियम का भुगतान ज्यादा आसान हो सकता है। इसीलिए इरडा ने अब प्रीमिय के ले कई सारे विकल्प दियेय हैं यानि आप अपनी क्षमत के हिसाब से हर महीने या तिमाही छमाही जैसे भी चाहें प्रीमियम का भगुगतान कर सकते हैं।
बीमा पॉलिसी ( insurance policy ) खरीदते वक्त बताना होगा ऑप्शन- किस्त कैसे देनी है इस बात का सेलेक्शन कस्टमर पॉलिसी खरीदते समय ही करेगा क्योंकि बाद में इसे बदलना आसान नहीं होगा। चूंकि यह विकल्प बीते साल ही दिया गया है। इसलिए ज्यादातर मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियां अभी सालाना प्रीमियम पेमेंट मोड में हैं।
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इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि किसी को अगर अपनी पॉलिसी प्रीमियम 40000 रुपे होता है तो वो चाहे तो हर तीन महीने पर 10 हजार रुपए या हर लगभग 3500 से कम रकम देकर प्रीमियम भर सकता है। ये सुविधा छोटे और मझोले दुकानदारोंजिनके पास हर महीने एकमुश्त रकम नहीं आती उनके लिए काफी सुविधाजनक हो सकती है।