सरकार के नए फैसले के तहत देश के 400 रेलवे स्टेशनों पर खाद्य और पेय पदार्थ बेचने के लिए केवल मिट्टी के बर्तन (clay pots) का प्रयोग किया जाएगा। इसके लिए उत्पाद देश भर के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद कुम्हारों से खरीदा जाएगा। इससे उनके व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा। इतना ही नहीं कुम्हारों को इलेक्ट्रॉनिक चाक भी वितरिक की जाएगी। जिससे वे कम समय में ज्यादा उत्पाद बना सके। साथ ही मिट्टी के बर्तनों में नई डिजाइन डाल सके। सरकार के इस निर्णय से कुम्हारों के चेहरे पर मुस्कान आ गई है। क्योंकि दिवाली से कुछ दिन पहले इस ऐलान से उनकी जिंदगी बदल सकती है।
कुम्हार सशक्तिकरण योजना के तहत हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गांधीनगर और अहमदाबाद के 200 कुम्हारों को विद्युत चालित चाक वितरित किए थे। साथ ही कुम्हारों से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए बातचीत भी की थी। उन्होंने कुम्हारों को संबोधित करते हुए कहा था कि विद्युत चालित चाक से ना सिर्फ कुम्हारों को अपना उत्पाद बढ़ाने में मदद मिलेगी। बल्कि वे नए फैंसी उत्पाद बनाने में भी सक्षम बनेंगे। इससे दिवाली के त्योहार पर उनकी अच्छी कमाई होगी। इस दौरान उन्होंने प्रत्येक लाभार्थियों से कम से कम 10 अन्य परिवारों को कुम्हार सशक्तिकरण योजना से जोड़ने का भी आग्रह किया।
सहकारी समिति के जरिए बेच सकते हैं उत्पाद
इस योजना के तहत कुम्हार अपने उत्पादों को सहकारी समितियों के जरिए रेलवे स्टेशनों पर बेच सकेंगे। इससे उन्हें अच्छा मुनाफा होगा। इसके अलावा सभी लाभार्थियों को 10 दिन का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। जिससे वे इलेक्ट्रानिक चाक पर काम करना अच्छे से सीख सकें। कुम्हार परिवारों को ब्लंजर मशीन तथा पग मिल भी वितरित किए जा रहे हैं, जिससे मिट्टी को मिलाने का काम आसान होगा और कम समय में ज्यादा मिट्टी तैयार की जा सकेगी।