मुख्य उद्देश्य: स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना और उद्यमिता को प्रोत्साहित करना।
फायदा : स्टार्टअप्स को 3 साल तक आयकर में छूट, निवेश और मार्गदर्शन के लिए फंडिंग की जाती है। साथ ही आसानी से प्रमोशन व कानूनी सुविधाएं प्राप्त होती हैं।
मेक इन इंडिया (2014)
मुख्य उद्देश्य : भारतीय स्टार्टअप्स को विनिर्माण क्षेत्र में बढ़ावा देना।
फायदा : विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए इसकी शुरुआत की गई थी। यह उन्नत तकनीकी और स्मार्ट फैक्ट्री स्थापित करने की प्रक्रिया है।
मुख्य उद्देश्य: वित्तीय सहायता व योजनाओं का लाभ प्रदान करना।
फायदा : बिना गारंटी लोन व व्यावसायिक प्रक्रिया के सरलीकरण के लिए तकनीकी व प्रशासनिक सहायता।
डिजिटल इंडिया (2015)
मुख्य उद्देश्य : डिजिटल क्षेत्र में स्टार्टअप्स को समर्थन और बुनियादी डिजिटल संरचना का विकास करना।
फायदा : बेहतर नेटवर्क और डिजिटल टूल्स उपलब्ध कराए जाते हैं।
मुख्य उद्देश्य: छोटे व्यापारियों और स्टार्टअप्स को बिना किसी गारंटी के लोन प्रदान करना।
फायदा : शिशु, किशोर और तरुण श्रेणी के तहत लोन की सुविधा। जो कम ब्याज दरों पर मिलते हैं। गारंटी की आवश्यकता नहीं होती।
प्रौद्योगिकी विकास व नवाचार निधि (2021)
मुख्य उद्देश्य : तकनीकी स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करना।
फायदा : डिजिटल स्टार्टअप्स को विकास और तकनीकी सहायता मिलती है।
नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन (2000)
मुख्य उद्देश्य: इनोवेटिव और क्रिएटिव स्टार्टअप्स का समर्थन करना।
फायदा : इनोवेशन के लिए फंडिंग प्रदान की जाती है। आरंभिक स्तर पर सपोर्ट किया जाता है।
मुख्य उद्देश्य : स्टार्टअप्स को पूंजी उपलब्ध कराना।
फायदा : यह फंड उन स्टार्टअप्स को सपोर्ट करता है जो पूंजी जुटाने में सक्षम नहीं होते। यह स्टार्टअप्स को बाजार में टिकने और प्रगति करने के लिए प्रोत्साहित भी करता है।
प्रौद्योगिकी सक्षमता और नवाचार(2021)
मुख्य उद्देश्य : स्टार्टअप्स के लिए तकनीकी संसाधन और समर्थन प्रदान करना।
फायदा : नए स्टार्टअप्स को शुरुआती पूंजी मिलती है। विभिन्न प्रकार की तकनीकी और डिजिटल सेवाओं का समर्थन मिलता है।