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राज्यों की योजना से एमएसएमई को मिल रहा फायदा

राज्य सरकारें अपने प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू करती हैं, ताकि उद्योगों को बढ़ावा मिले व लोगों तक रोजगार पहुंचे। लोगों का रुझान भी इस तरफ बढ़ा है। जानिए राज्य सरकारों की ऐसी योजनाओं के बारे में।

जयपुरJan 19, 2025 / 04:08 pm

Jyoti Kumar

MSMEs

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राज्य सरकारें अपने प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू करती हैं, ताकि उद्योगों को बढ़ावा मिले व लोगों तक रोजगार पहुंचे। लोगों का रुझान भी इस तरफ बढ़ा है। जानिए राज्य सरकारों की ऐसी योजनाओं के बारे में।
राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना
राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (आरआइपीएस) 2024 का उद्देश्य सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को प्रोत्साहन देना है।

ब्याज अनुदान : 5 करोड़ रु. तक के ऋण पर 6%, 5-10 करोड़ रु. तक के ऋण पर 4% और 10-50 करोड़ रु. तक के ऋण पर 3% वार्षिक ब्याज अनुदान। ग्रामीण पर्यटन व कृषि-प्रसंस्करण इकाइयों के लिए 1% अनुदान।
सब्सिडी : कृषि और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के लिए पूंजी निवेश का 50% सब्सिडी, अधिकतम 1.5 करोड़ रुपए। प्लास्टिक उत्पादों के इकाइयों के लिए पूंजी निवेश का 50% सब्सिडी, अधिकतम 40 लाख रु.।
छत्तीसगढ़ औद्योगिक विकास नीति
छत्तीसगढ़ औद्योगिक विकास नीति 2024-30 छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से राज्य में औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करने, रोजगार सृजन और एमएसएमई को सशक्त बनाने के उद्देश्य से लागू की गई एक समग्र और प्रगतिशील नीति है।
एसजीएसटी प्रतिपूर्ति : सामान्य उद्योगों के लिए शुद्ध एसजीएसटी का 75% तक प्रतिपूर्ति और थ्रस्ट सेक्टर उद्योगों के लिए 100% तक। यह लाभ 5 से 10 वर्षों तक उपलब्ध। इसके तहत माइक्रो, स्मॉल और मीडियम उद्योगों के लिए विभिन्न समूहों में 30%-45% तक की सब्सिडी।
सब्सिडी : 5-10 वर्षों तक उद्योगों के लिए ब्याज पर सब्सिडी। नए एमएसएमई उद्योगों के लिए 100% बिजली शुल्क में छूट।
मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना
मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना मध्य प्रदेश सरकार की एक पहल है, जिसका उद्देश्य राज्य के युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है।

समान लाभ : योजना के तहत सभी वर्गों (सामान्य, अनुसूचित जाति/जनजाति, महिला, दिव्यांग आदि) को समान लाभ प्रदान किए जाते हैं, जिससे यह समावेशी विकास को बढ़ावा देती है।
सब्सिडी : लंबित ऋणों (कार्यशील पूंजी और टर्म लोन दोनों) पर 3त्न ब्याज सब्सिडी दी जाती है। यह सब्सिडी ऋण अवधि के दौरान उद्यमियों को वित्तीय राहत देती है।
तकनीकी और विपणन सहायता : नए उद्यमियों को तकनीकी मार्गदर्शन व उत्पाद विपणन में सहयोग किया जाता है, जिससे उद्योग को प्रतिस्पर्धात्मकता मिलती है।

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