फिलहाल मोरंग भले ही सस्ता बिक रहा हो पर अमूमन इन दिनों में मोरंग के दाम काफी चढ़े होते हैं। निर्माण कार्य तेज होने से इसकी कीमतें आसमान को छूती हैं। मोरंग के दाम 2500 से 2600 रुपये प्रति ट्राॅली या उससे भी उपर होते हैं। पर इस बार इसके रेट में तेजी से गिरावट आई है और फिलहाल यह 1800 से 2000 रुपये प्रति ट्राॅली बिक रहा है। 100 फीट की ट्राॅली में 70 से 80 फीट बालू होता है।
इसी तरह प्रति ट्रक (10 टायर) मोरंग भी करीब 13000 रुपये में बिक रहा है। हालांकि अंडर लोड ट्रक में 300 फीट बालू ही लोड होता है, लेकिन कहा जाता है कि ओंवरलोड कर इसमें इसका करीब दो से तीन गुना मोरंग लदा होता है। बीते साल डम्प बालू बेचकर कारोबारियों ने मनमाना पैसा कमाया, लेकिन इस बार लाॅक डाउन के चलते दाम गिरने से सस्ता मोरंग बेचना पड़ रहा है।
पिछले लाॅक डाउन में महंगा था मोरंग
बीते साल 2020 में मोरंग काफी महंगा बिका था। कोरोन महामारी आने और लाॅक डाउन लगने के चलते बाजार से लेकर हर काम बंद हो गया। पर उस दौरान खनन कर जिन्होंने बालू डम्प कर लिया उन्होंने खूब चांदी काटी। लाॅक डाउन में छूट मिलने के बाद जब निर्माण कार्य शुरू हुए तो मोरंग का रेट प्रति ट्राॅली 10000 से 12000 रुपये तक पहुंच गया था। हालांकि बाद में धीरे-धीरे इसमें नरमी आई।
इस बार क्यों सस्ता है मोरंग
हालांकि लाॅक डाउन इस बार भी है बावजूद इसके मोरंग महंगा होने के बजाय सस्ता है। इसके पीछे वजह ये है कि घाटों पर खनन जारी है और बालू की आवक भी है लेकिन खरीदार नहीं हैं। लाॅक डाउन के चलते काम तो बंद है, लेकिन मार्केट में मोरंग पर्याप्त से अधिक है। कंपटीशन के चलते कारोबारियों ने रेट गिरा दिये हैं। हालत ये है कि बिक्री न होने से बालू घाटों से खनन आधा हो गया है। रोजाना जहां 3500 से 4000 गाड़ियां निकलती थीं वहीं अब यह घटकर आधी हो गई हैं। फतेहपुर और कौशाम्बी का बालू लालगंज, अमेठी, राय बरेली, सीतापुर और फैजाबाद आदि आगे के शहरों में जाता है।