1- रूस में बने हेलीकॉप्टर के हिस्से भारत भेजे जाएंगे। यहां उन्हें जोड़कर उडऩे लायक स्थिति में लाया जाएगा।
2- कुछ खास हिस्से रूस से भेजे जाएंगे और बाकी के भारत में दोनों देशों के सहयोग से बनाए जाएंगे।
3- भारत में निर्मित हिस्सों की संख्या बढ़ाई जाएगी। कच्चे माल की आपूर्ति रूस से होगी।
4- हेलीकॉप्टर का भारत में ही पूरी तरह उत्पादन होगा। सर्विस और मेंटनेंस सेंटर भी बनाए जाएंगे।
रशियन हेलीकॉप्टर्स ने कहा है कि भारतीय नौसेना को भी उसके कामोव 226टी आजमाने चाहिए। कंपनी के मुताबिक ये हेलीकॉप्टर भारतीय नौसेना की जरूरतों को भी पूरा करते हैं। हाल ही में भारत ने नौसेना
के लिए हेलीकॉप्टर खरीदने की एक बड़ी योजना को मंजूरी दी है।