हर बार की तरह इस बार भी शो के कंटेस्टेंट गेस्ट को ट्रिब्यूट देते नजर आने वाले हैं। इस दौरान ऐसे कई मौके आए जब शो में लोग भावुक होते दिखे। इस दौरान गेस्ट ने अपने वक्त के खुद से जुड़े कई किस्से शेयर किए। ऐसी ही एक पर्फार्मेंस के दौरान धर्मेंद्र अपनी जिंदगी के अनुभव साझा करते हुए बेहद इमोशनल हो गए। दरअसल एक बेहद ही इमोशनल पर्फार्मेंस के दौरान ही धर्मेंद्र काफी इमोशनल हो गए थे, जिसके बाद उन्होंने
सभी कंटेस्टेंट को अपने शायराना अंदाज में जिंदगी की सीख भी दी।
यह भी पढ़ेंः दिलीप कुमार के इश्क में प्रेमिकी ने खा ली थी नींद की गोलियां, सगाई छोड़ भाग गए थे Actor वो कहते हैं कि ‘बंद होने लगे हैं दरवाजे मुझ पर जमाना खिड़कियों से तमाशा देखने लगा है।’ ये भावुक लाइन बोलने के बाद धर्मेंन्द्र के साथ-साथ अन्य जजेज भी काफी ज्यादा इमोशनल हो जाते हैं। धर्मेंद्र और आशा पारेख अब फिल्मों से एकदम दूर हो चुके हैं लेकिन 60-70 के दशक में दोनों का जादू खूब चला था। इनकी फिल्में हाउसफुल रहती थी और आशा पारेख तो टॉप की हीरोइन थीं। उनकी फिल्में सिल्वर जुबली मनाती थीं। उन्हें इंडस्ट्री में ‘जुबली पारेख’ भी कहा जाता था। ऐसे में कोई भी निर्देशक और अभिनेता उनसे उलझने की भूल नहीं करता था।
यह भी पढ़ेंः कमाई के मामले में हैरान करती दिखी आयुष्मान की चंडीगढ़ करे आशिकी, मिला ऐसा रिस्पॉन्स इंडस्ट्री से बाहर बेहद कम लोग ये बात जानते हैं कि इतनी बेहतरीन फिल्में देने वाली आशा पारेख कभी एक्ट्रेस बनना नहीं चाहती थी। उन्होंने इससे जुड़ा एक किस्सा खुद शेयर किया था। उन्होंने बताया कि वह एक्ट्रेस नहीं बल्कि डॉक्टर बनना चाहती थीं, लेकिन एक हादसे ने सबकुछ बदलकर रख दिया। उन्होंने कहा, मैं एक डॉक्टर बनना चाहती थी। स्कूल जाने के लिए मैं सैंटा क्रूज से फ्लोरा फाउंटेन जाया करती थी, लेकिन एक दिन मैंने वहां पर हादसा देखा और वहां बिखरे हुए खून के कारण मुझे चक्ककर आ गया। उसी वक्त मुझे समझ में आ गया था कि मैं डॉक्टर बिल्कुल भी नहीं बन सकती हूं।