महिंद्रा इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड (एमईएमएल) के सीईओ सुमन मिश्रा ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि, “लास्ट माइल डिलीवरी और लॉजिस्टिक्स सेगमेंट में विश्वसनीय और लागत प्रभावी कार्गो और उच्च गुणवत्ता वाले इलेक्ट्रिक वाहनों की आवश्यकता देखी गई है। हम इन मांगों को प्रभावी ढंग से पूरा करने के लिए अपना बिल्कुल नया ज़ोर ग्रैंड लॉन्च करने को लेकर आए हैं। यह एक पावर-पैक प्रदर्शन प्रदान करता है और ग्राहक के जरूरतों पूरा करने में सक्षम बनाता है।”
पावर, परफॉर्मेंस और ड्राइविंग रेंज:
नए लॉन्च किए गए महिंद्रा ज़ोर ग्रैंड इलेक्ट्रिक 3-व्हीलर में कंपनी ने 10.24kWh की क्षमता का लिथियम-आयन बैटरी पैक दिया गया है। इसके अलावा, इसमें 12kW की क्षमता का इलेक्ट्रिक मोटर दिया गया है, जो कि 50Nm का टॉर्क जेनरेट करता है, जिसको लेकर कंपनी का दावा है कि, ये इंडस्ट्री में सबसे बेस्ट है। कंपनी का कहना है कि, इस इलेक्ट्रिक 3-व्हीलर में 11.5 डिग्री की ‘बेस्ट-इन-इंडस्ट्री’ ग्रेडेबिलिटी मिलती है
Mahindra का दावा है कि Zor Grand सिंगल चार्ज में 150 किलोमीटर तक का ड्राइविंग रेंज देने में सक्षम है। इसकी बैटरी को फुल चार्ज होने में महज 4 घंटे का समय लगता है, और इसकी टॉप स्पीड 50 किलोमीटर प्रतिघंटा है। गौरतलब है कि महिंद्रा ज़ोर ग्रैंड इलेक्ट्रिक 3-व्हीलर में पारंपरिक 3-व्हीलर की तरह गियरबॉक्स नहीं है, इसके बजाय, यह तीन मोड्स – फॉरवर्ड, न्यूट्रल और रिवर्स के साथ आता है। कंपनी का दावा है कि, ये थकान मुक्त और आरामदेह ड्राइविंग एक्सपीरियंस प्रदान करता है।
महिंद्रा ज़ोर ग्रैंड इलेक्ट्रिक कुल 3 वेरिएंट में उपलब्ध है – एक डिलीवरी वैन बॉडी जिसमें 140 क्यूबिक फिट बॉक्स (Cu.ft) दिया गया है, दूसरे वेरिएंट में 170 क्यूबिक फिट बॉक्स और तीसरे वेरिएंट को कंपनी ने पिकअप- स्टाइल बॉडी दिया है।
मिलते हैं ये फीचर्स:
इस इलेक्ट्रिक 3-व्हीलर में कंपनी टेलीमैटिक्स यूनिट, डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, जीपीएस, ऑफबोर्ड चार्जर, केबिन लाइट, मोबाइल होल्डर, लॉक करने योग्य ग्लव बॉक्स, रिवर्स बजर, स्पेयर व्हील प्रोविजन, हैजर्ड इंडिकेटर और कुछ अन्य सुविधाएं दी गई हैं। कंपनी इस इलेक्ट्रिक 3-व्हीलर पर 3 साल / 80,000 किमी की वारंटी प्रदान करती है। इसके अलावा, लिथियम-आयन बैटरी पैक 5 साल की वारंटी के साथ आता है। महिंद्रा का दावा है कि ज़ोर ग्रैंड डीजल 3-व्हीलर और सीएनजी 3-व्हीलर की तुलना में उपयोगकर्ता को केवल 5 वर्षों में स्वामित्व लागत में क्रमश: 6 लाख रुपये और 3 लाख रुपये तक बचाने में मदद कर सकता है।