जानिए अब किनकी बगावत बिगाड़ेगी चुनावी बिसात..
दरबार ने छोड़ी कांग्रेस, अब मुकाबला त्रिकोणीय
कांग्रेस से पिछले पांच विधानसभा से चुनाव लड़ रहे अंतर सिंह दरबार इस बार निर्दलीय मैदान में रहेंगे। गुरुवार को दरबार ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता सेइस्तीफा दे दिया। टिकट सर्वे पर सवाल उठाए। कहा कि भाजपा से नेता को लाकर कांग्रेस प्रत्याशी बनाकर हमारे सिर पर बैठा दिया। दिल्ली से भोपाल तक मनाने की कोशिश हुई, लेकिन समर्थकों की सलाह पर मैं निर्दलीय चुनाव लडूंगा।
नंदकुमार के बेटे ने छोड़ी भाजपा
हर्ष चौहान: भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष स्व. नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्ष ने पीछे हटने से इनकार कर दिया। हर्ष ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। वे निर्दलीय चुनाव मैदान में रहेंगे। बुरहानपुर सीट से भाजपा प्रत्याशी अर्चना चिटनीस और कांग्रेस से निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा हैं। पिछली बार नंदकुमार खेमे व अर्चना के अंदरूनी टकराव ने ही शेरा को जीत दिलाई थी। लोकसभा उपचुनाव में हर्ष को टिकट नहीं मिला था। विधानसभा चुनाव का भी टिकट नहीं मिलने से पार्टी छोड़ मैदान में हैं।
केदार शुक्ला: सीधी से भाजपा विधायक केदार शुला भी निर्दलीय डटे हैं। यह ब्राह्मण बाहुल्य सीट है। सीधी मूत्र विसर्जन कांड के कारण
केदार का टिकट कटा है।
धार: यहां भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशी के साथ ही दोनों ही पार्टी से बागी नेता निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। इसके चलते यहां अब दोनों ही दलों की राह मुश्किल हो गई है। धार में भाजपा से नीना वर्मा और कांग्रेस से प्रभा गौतम उ्मीदवार हैं। भाजपा से बागी राजीव यादव और कांग्रेस से कुलदीप बुंदेला भी मैदान में डटे हैं।
कांग्रेस में ऐसे हाल: अब लडक़र ही मानेंगे पूर्व सांसद
आलोट में कांग्रेस से पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने चुनाव मैदान से हटने से इनकार दिया है। नाम वापस नहीं लिया, वे निर्दलीय लड़ेंगे। आलोट विधानसभा सीट पर कांग्रेस से मनोज चावला व भाजपा से चिंतामण मालवीय हैं। दिलचस्प ये भी कि प्रेमचंद गुड्डू की बेटी रीना बौरासी कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में ही दूसरी सीट सांवेर से मैदान में हैं।
ये मान गए
पूर्व मंत्री रंजना: मनावर से रंजना बघेल ने गुरुवार को नाम वापस ले लिया। रंजना को केंद्रीय मंत्री शाह ने इंदौर बुलाया था। पूर्व मंत्री कश्यप: बड़वारा सीट पर पूर्व मंत्री मोती कश्यप भी मान गए। दो दिन से समझाने के प्रयास चल रहे थे। सरकार बनने पर ध्यान रखने का आश्वासन दिया गया है।
इन्होंने नाम वापस लिया
भोपाल के हुजूर से कांग्रेस के जितेन्द्र डाटा ने फॉर्म वापस ले लिया है। वे कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में काम करेंगे। झाबुआ से निर्दलीय पर्चा भरने वाले कांग्रेस के पूर्व विधायक जेवियर मेड़ा ने नामांकन वापस ले लिया है। इनके चुनाव में उतरने से समीकरण उलझे थे।