ब्रेक लेकर कोर्स को कर सकते हैं पूरा
इसी के साथ छात्र धीमी गति से भी अपनी पढ़ाई पूरी कर सकते हैं। ऐसे छात्र जो अपने तीन साल के कोर्स को चार साल में पूरा करना चाहते हैं, उनके पास भी इसकी अनुमति है। वहीं अगर किसी छात्र को अगर बीच में ब्रेक की जरूरत है तो वे ब्रेक लेकर बाद में फिर से कोर्स शुरू कर सकते हैं। ऐसे नियम से उन छात्रों को राहत मिलेगी जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से आते हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि इस नई व्यवस्था से प्रत्येक विषय से ग्रेजुएशन करने वालों को फायदा होगा। अब छात्रों के पास चॉइस होगी कि उन्हें कितने साल में डिग्री पूरी करनी है। इससे मेधावी और कमजोर दोनों छात्रों को फायदा होगा। छात्रों को मिलेगा इस बदलाव का फायदा
आईआईटी मद्रास (IIT Madras) के निदेशक वी कामकोटि की अध्यक्षता वाली समिति ने इस तरह के नियमों की सिफारिश की है। इन सिफारिशों को यूजीसी अध्यक्ष ने मंजूरी दी है। हालांकि, इन नियमों को लागू करने से पहले विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। यूजीसी अध्यक्ष ने जानकारी दी कि 4 साल की डिग्री से छात्रों को शोध कार्य, पेटेंट के लिए आवेदन और शोधपत्र प्रकाशित करने का मौका मिलेगा। यूजीसी के तहत कॉलेज कोर्स में इस तरह के बदलाव नई शिक्षा नीति 2020 के तहत लागू किए जा रहे हैं।