प्रश्न (1) – आकाश में तारे क्यों टिमटिमाते हैं?
तारे इसलिए चमकते हुए से लगते हैं क्योंकि तारे हमारी पृथ्वी से बहुत दूर है और पृथ्वी के वातावरण में हवा होती है, जो एक जगह से दूसरी जगह जाती रहती है। इस हवा की आवाजाही की वजह से तारों की कुछ रोशनी झुक सी जाती है और कुछ रोशनी झुकती नहीं। इसे ‘टरबूलेंस इफेक्ट’ कहते हैं। इसलिए हमारी आंखों को ऐसा लगता है की तारे चमक रहे हैं पर असल में वो नहीं चमकते।
प्रश्न (2) – दिन और रात क्यों होते हैं?
दिन और रात हमारी पृथ्वी की वजह से होते हैं। हमारी पृथ्वी सूरज तथा अपनी धुरी दोनों के चारों ओर घूमती है। जिस तरफ सूरज की रोशनी पड़ती है पृथ्वी पर वहां दिन होता है और जहां पृथ्वी पर रोशनी नहीं पड़ती वहां रात होती है। पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमने में 24 घंटे लगा देती है। जब हमारी तरफ सूरज की किरणें आती है, उस वक्त पृथ्वी की उस जगह में दिन होता है और ठीक उसके विपरीत जगह में रात होती है। पर पृथ्वी निरंतर अपने धुरी में घूमती है इसलिए कुछ घंटों बाद जहां दिन था वहां रात हो जाती है और जहां रात थी वहां दिन हो जाता है परन्तु पृथ्वी के धु्रवों में 6 महीने बस दिन होता है और बाकी 6 महीनों में केवल रात होती है।
प्रश्न (3) – विद्युत बल्ब में फिलामेन्ट टंगस्टन का क्यों बना होता है?
विद्युत बल्ब का गलनांक बहुत उच्च होता है इसलिए टंगस्टन का इस्तेमाल किया जाता है ताकि ज्यादा गर्म होने पर फिलामेंट गल न जाए।
प्रश्न (4) – अधिकतर हवाई जहाज का रंग सफेद क्यों होता है?
सफेद रंग हवाई जहाज को ठंडा रखने के मकसद से किया जाता है क्योंकि सफेद रंग गर्मी को दूसरे रंगों की तुलना में दूर करता है। सफेद रंग की वजह से प्लेन में हुई खराबी जैसे क्रेक्स, तेल का रिसना आदि आसानी से दिख जाते हैं। धूप में खड़े होने की वजह से कोई भी दूसरा रंग धीरे-धीरे हल्का होने लगता है लेकिन सफेद रंग के साथ ऐसी समस्या नहीं होती। इसी कारण कंपनियां हवाई जहाज को सफेद रंग का ही रखना पसंद करती हैं।
आपको जानकर हैरत होगी कि हवाई जहाज को पेंट करने में करीब 3 लाख से 1 करोड़ तक का खर्च आता है जिसे खर्च करना कंपनी के लिए बहुत मुश्किल होता है, इसलिए इसे सफेद रखा जाता है। हवाई जहाज में सफेद के बदले किसी और रंग का उपयोग करने से इसका वजन काफी बढ़ जाता है। इस वजह से ईंधन की खपत भी काफी बढ़ जाती है, जबकि सफेद रंग के हल्का होने से ईंधन की खपत में कमी आती है। इससे कंपनियों के खर्च में भी कमी आती है।