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क्यों हो सकती है रेपो रेट में कटौती
इस मामले से जुड़े डन एंड ब्रांडस्ट्रीट इंडिया के एक जानकार ने कहा, “वर्तमान में खराब मॉनसून के चलते मुद्रास्फिति के बढऩे का खतरा है, वहीं खाद्य पदार्थों की कीमतों में बदलाव और कच्चे तेल की दरों में तेजी केंद्रीय बैंक को इंतजार करने की तरफ इशारा कर रहा है। लेकिन, वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्लोडाउन की वजह से आरबीआई रेपो रेट में कटौती कर सकता है।”
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अगले महीने होगी एमपीसी की बैठक
डीएंडबी की ने उम्मीद की है है कि मौद्रिक समीक्षा नीति कमिटी अगले माह होने वाले बैठक में ब्याज दरों में 25 आधार अंक की कटौती कर सकता है। बता दें कि अगले माह में 3, 4 और 5 जून को आरबीआई की 6 सदस्यीय मौद्रिक समीक्षा नीति की बैठक होने वाली है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, औद्योगिक निवेश में अभी देरी होगी क्योंकि घरेलू मोर्चे पर औद्योगिक गतिविधियों और ट्रेड अनिश्चित्तता धीमा है। उन्होंने कहा नोटबंदी और जीएसटी का असर अब खत्म हो चुका है। लेकिन, कई सेक्टर्स और निवेश की रफ्तार अभी भी धीमी है।
बता दें कि इस साल दो बैठकों में केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में दो बार 25-25 आधार अंक की कटौती की है। जिसके बाद, फिलहाल रेपो रेट 6 फीसदी है। आरबीआई द्वारा लगातार दो बैठकों में रेेपो रेट में कटौती के बाद कुछ बैंकों ने आम आदमी को इसका फादया सीधे तौर पर दिया था।
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