यहां ध्यान देने वाली बात है कि अमेजन ने अपनी ग्लोबल सेलिंग प्रोग्राम (global selling program) की शुरुआत 2015 में की थी और इसके इसके जरिए लोकल कारोबारी अमेज़न की अलग-अलग 15 वेबसाइट के माध्यम से अपने प्रोडक्ट को पूरी दुनिया में बेच सकते हैं । सोमवार को इस बात की जानकारी दी । अमेज़न ने जनवरी 2020 में 2025 तक जीएसपी के माध्यम से 10 अरब डॉलर के निर्यात के लक्ष्य की बात सामने रखी थी ।
अमेज़न इंडिया ( Amazon india ) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और कंट्री हेड अमित अग्रवाल ने कहा कि जीएसपी के माध्यम से लोकल कारोबारियों को अपने प्रोडक्ट को पूरी दुनिया तक पहुंचाने की सुविधा मिलती है। उनके इस प्रोग्राम को जबरदस्त सफलता मिली है इस प्रोग्राम के जरिए एक बिलियन डॉलर का निर्यात हासिल करने में जहां 3 साल का वक्त लगा वही अगले 1 बिलियन डॉलर का लक्ष्य महज डेढ़ साल की अवधि में प्राप्त कर लिया गया है ।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एमएसएमई भारतीय अर्थव्यवस्था ( Indian Economy ) की रीढ़ है उनका डिजिटलीकरण कर अमेज़न निर्यात को तेज करने और रोजगार निर्माण में अपना योगदान कर रही है यह देश की समावेशी आर्थिक वृद्धि को मजबूत बनाएगा ।
इसी दौरान एमएसएमई मिनिस्टर नितिन गडकरी ( msme minister Nitin Gadkari ) ने अमेज़न से अपील की है कि वह ग्रामीण इलाकों में बनने वाले उत्पादों की एक अलग लिस्ट बनाएं ताकि उन्हें ग्लोबल रूप से बेचा जा सके उन्होंने कहा कि अमेज़न को बेहतर डिजाइनिंग और पैकेजिंग के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के शिल्पकार और एमएसएमई की मदद करनी चाहिए ।
नितिन गडकरी ( Nitin Gadkari ) ने कहा कि सरकार का मुख्य फोकस निर्यात पर है फिलहाल भारत के 48 परसेंट में से 30 परसेंट का कॉन्ट्रिब्यूशन एमएसएमई सेक्टर की तरफ से आता है जिसे सरकार 60 फ़ीसदी तक पहुंचाना चाहती है