फास्टिंग : यह हमारे पाचनतंत्र को आराम देने का बेहतरीन जरिया है। इससे खून साफ होता है साथ ही शरीर के विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं। इसके अलावा आंतों, गुर्दों, ब्लैडर, फेफड़ों और साइनस को भी साफ होने का मौका मिलता है।
एंटी-इन्फ्लेमेट्री फूड : जंकफूड व अधिक तली-भुनी मसालेदार चीजों में पोषक तत्त्वों का अभाव होता है। साथ ही ये एसिडिटी आदि की परेशानी के साथ शरीर की प्राकृतिक हीलिंग प्रोसेस को प्रभावित करते हैं। इनके बजाय चुकंदर, बादाम, हरी सब्जियां और लो फैट डेयरी प्रोडक्ट जैसी एंटी-इन्फ्लेमेट्री चीजों को डाइट में शामिल करें। अधिक चीनी, मैदा, तेल व घी आदि से बचें।
क्लिंजिंग स्पाइस डाइट : भोजन में गुणकारी और पाचनतंत्र दुरुस्त करने वाले मसाले जैसे दालचीनी, इलायची, हल्दी, जीरा, सौंफ, अदरक, कलौंजी, काली मिर्च, लौंग आदि को भोजन में शामिल करें।
योग और वर्कआउट : मॉर्निंग वॉक, योग व व्यायाम को रुटीन में शामिल करें। मॉर्निंग वॉक व एक्सरसाइज करने से पसीने के माध्यम से शरीर के विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं। साथ ही शरीर के अंग भी क्रियाशील रहते हैं। वहीं योग से फेफड़े आदि दुरुस्त रहते हैं। इसके लिए सूर्य नमस्कार भी एक प्रभावी उपाय है।
ग्रीन स्मूदीज –
शरीर को ऊर्जा देने के लिए ग्रीन स्मूदीज एक बेहतरीन उपाय है। थकान दूर करने के साथ यह एंटी-इन्फ्लेमेट्री भी होती है। इसे पीने से शरीर में हो रहे छोटे मोटे दर्द से राहत मिलती है। इसमें मौजूद फाइबर आंतों की सफाई में मददगार होता है।