कार्डियक अरेस्ट में हृदय खून का संचार करना बंद कर देता है। जबकि हार्टअटैक तब आता है जब अचानक ही हार्ट की किसी मांसपेशी में खून का संचार रुक जाता है। ऐसा तब होता है जब कोई ब्लड क्लाटिंग आ जाए या खून हार्ट तक पहुंच न पाए। जबकि कार्डियक अरेस्ट में हार्ट ही खून को पंप करना रोक देता है।
जब कार्डियक अरेस्ट आता है तो धड़कने बढ़ कर 300-400 तक हो जाती हैं। वहीं, ब्लड प्रेशर नीचे की ओर गिरने लगता है और दिल के फंक्शन में अनियमितता आ जाती है। इससे शरीर के अन्य हिस्सों में ब्लड की सप्लाई नहीं हो पाती है।
2. सांस लेने में तकलीफ या सीना भारी होना
3. अचानक से थकान और बेहोशी सा महसूस होना
4. रह रहकर चक्कर आना
5. ब्लड प्रेशर अनियंत्रित रहना
6. सीने में दर्द होना
7. मितली आना
8. धड़कने अनियंत्रित रहना
1. नींद की कमी
2. शरीर को आराम न मिलना
3. जल्दी-जल्दी हैवी कार्डियो ट्रेनिंग करना
4. खून में अनियंत्रित और हाई ट्राइग्लिसराइड्स लेवल
5. हाई ब्लड शुगर लेवल
6. बिना डॉक्टरी सलाह के दवा लेना या फिर न लेना फैमिली हिस्ट्री
7. स्टेरॉयड, फैट बर्नर जैसे सप्लीमेंट्स का गलत इस्तेमाल।
इन गलतियों की वजह से कार्डियक अरेस्ट-Mistakes Of Cardiac Arrest
1-सांस फूलने, हाई ब्लड प्रेशर, लो ब्लड प्रेशर होने पर चेकअप न कराना।
2-नींद पूरी न होने पर भी वर्कआउट करना।
3-दिल और खून की जांच न कराना।
4-धूम्रपान करना, जरूरत से ज्यादा खाना और पीने से बचें।
5-रिफाइंड शुगर, कार्ब्स, जंक फूड, फास्ट फूड और रिफाइंड तेल का अधिक सेवन
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।