क्या है हाई फंक्शनिंग डिप्रेशन : What is Kusha Kapila suffering high functioning depression
WHO का डाटा कहता है कि इस समय पूरी दुनिया में लगभग 28 करोड़ लोग डिप्रेशन का शिकार है। इसलिए यह बीमारी सामान्य बनती जा रही है। इस बीमारी का शिकार पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा परेशान रहती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस बीमारी के लक्षण भी रेगुलर डिप्रेशन जैसे ही दिखाई पड़ते हैं लेकिन इससे थोड़े हल्के होते हैं। इनका असर रोजमर्रा की लाइफ में दिखाई नहीं पड़ते हैं। ऐसे लोग अंदर से चाहे कितना ही संघर्ष कर रहे हो लेकिन अपने काम, रिलेशनशिप और सोशल लाइफ पर बराबर ध्यान देते रहते हैं। हाई फंक्शनिंग डिप्रेशन के लक्षण : Symptoms of High Functioning Depression
जब कोई हाई फंक्शनिंग डिप्रेशन शिकार हो जाता है तो उसमें वह हर समय उदास रहने लगता है। उसके मन में हर समय हताशा बनी रहती है। उसका जा फेवरेट काम होता है उसमें भी उसका मन नहीं लगता है, उसकी खाने की आदत बदल जाती है। हर समय हर चीज के लिए खुद को दोषी ठहराना, सेल्फ रिस्पेक्ट का कम हो जाना, किसी काम को फोकस नहीं कर पाना, भूलने की बीमारी हो जाना, चिड़चिड़ापन, थकान का बना रहना, एनर्जी की कमी, रोने का मन करना, समाज से दूरी बना लेना आदि सब इस बीमारी के लक्षण हो सकते हैं।
हाई फंक्शनिंग डिप्रेशन के बचाव उपाय : Prevention Tips for High Functioning Depression
- रोजाना एक्सरसाइज करें।
- खुली हवा में वॉक करें।
- खाना पौष्टिक रखें और भरपूर पानी पिएं।
- खुद को निगेटिविटी से दूर रखें।
- अकेले रहने से बचें, दोस्तों-फैमिली को टाइम दें।
- मन की बात खुलकर शेयर करें।
- अपना पसंदीदा गाना सुनें, पालतू जानवर के साथ टाइम बिताएं।
- कुकिंग, रीडिंग या जो मन करें, वो काम करें।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।