यदि आप इनको बिना डॉक्टर की सलाह के लेते हैं तो ये आपके लिए घातक हो सकते हैं। ऐसे में इन्हें बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेना चाहिए। इसलिए हम इस लेख में जानेंगे की इन दवाइयों के खतरे क्या है।
नींद की गोलियों के क्या है नुकसान : Sleeping Pills Side Effects
Sleeping Pills Side Effects: सामान्य नींद में बाधा स्लीपिंग पिल्स का सेवन करने वाले व्यक्तियों को सामान्य नींद में बाधा आ सकती है। कभी-कभी रात में अचानक जागने पर आश्चर्यचकित भी हो सकते हैं। इनका उपयोग करने से नींद न आने की समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। स्लीपिंग पिल्स का उद्देश्य नींद लाना है, लेकिन यदि इन्हें बिना चिकित्सकीय परामर्श के लिया जाए तो अत्यधिक नींद आने की समस्या उत्पन्न हो सकती है। Sleeping Pills Side Effects: मस्तिष्क को हानि नींद की गोलियों का दीर्घकालिक उपयोग मस्तिष्क को हानि पहुँचा सकता है। इससे चिड़चिड़ापन और गुस्सा आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं, साथ ही मेमोरी से संबंधित समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं।
Sleeping Pills Side Effects: लिवर और किडनी पर नकारात्मक प्रभाव यदि आप बिना डॉक्टर की सलाह के नींद की गोलियां ले रहे हैं, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। यह लिवर और किडनी पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, जिससे ये अंग फेल या क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।
नींद की गोली कहा तक सही : How far are sleeping pills right?
स्लीपिंग पिल्स डॉक्टर्स नींद न आने की गंभीर समस्याएं होने पर देते हैं। जब हम स्लीपिंग पिल्स लेते हैं तो ये दिमाग के केमिकल्स पर अपना प्रभाव डालती है। जिससे ये केमिकल्स कंट्रोल हो जाते हैं जिसके बाद नींद में किसी तरह की दिक्कतें नहीं आती हैं। जब मामला ज्यादा सीरियस होता है तो डॉक्टर एक तय मात्रा में इसकी सलाह देते हैं तब तो यह ठीक है लेकिन अगर इसे नॉर्मल प्रॉब्लम्स में भी लिया जाता है तो इसका असर हेल्थ पर जरूर पड़ता है। इसलिए इसे लेने से बचना चाहिए।
ये है नींद की गोलियों के के प्रकार : These are the types of sleeping pills
बेंजोडायजेपाइन ये दवाएं त्वरित प्रभाव डालती हैं और शीघ्र नींद लाने में सहायक होती हैं। हालांकि, इनका दीर्घकालिक उपयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। नॉन बेंजोडायजेपाइन ये गोलियां बेंजोडायजेपाइन की अपेक्षा कम प्रभावी होती हैं और इनके दुष्प्रभाव भी अपेक्षाकृत कम हो सकते हैं। हिस्टामाइन-2 रिसेप्टर एंटागोनिस्ट्स ये दवाएं सीधे नींद उत्पन्न नहीं करतीं, बल्कि नींद लाने में सहायता करती हैं। ये पहले दो प्रकार की दवाओं की तुलना में कम हानिकारक मानी जाती हैं।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।