scriptHealth: पूर्व क्रिकेटर के दावों पर बहस का दौर शुरू, क्या नींबू-पानी, कच्ची हल्दी, सेब के सिरके व नीम की पत्ती से ठीक होते हैं कैंसर के मरीज | A round of debate begins on the claims of former cricketer | Patrika News
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Health: पूर्व क्रिकेटर के दावों पर बहस का दौर शुरू, क्या नींबू-पानी, कच्ची हल्दी, सेब के सिरके व नीम की पत्ती से ठीक होते हैं कैंसर के मरीज

Health: पूर्व क्रिकेटर का बयान नेचुरोपैथी से जुड़ी चीजों से जुड़ा है। इससे इयून पॉवर जरूर मजबूत हो सकता है, लेकिन कैंसर की बीमारी ठीक नहीं हो सकती। कैंसर की बीमारी पूरी तरह ठीक होने के बाद कब रिवर्स हो जाए, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है।

रायपुरNov 27, 2024 / 11:19 am

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Health: क्या नींबू-पानी, कच्ची हल्दी, सेब के सिरके, नीम की पत्ती तुलसी, कद्दू, अनार, आंवला, चुकंदर व अखरोट जैसी चीजों के सेवन से कैंसर के मरीज पूरी तरह ठीक हो जाते हैं? पूर्व क्रिकेटर के इस दावे के बाद बहस का दौर शुरू हो गया है। कैंसर विशेषज्ञों का कहना है कि डाइट व नेचुरोपैथी से इयून पॉवर बढ़ाया जा सकता है, लेकिन कैंसर को पूरी तरह खत्म करने के लिए इलाज जरूरी है। इलाज में कीमोथैरेपी से लेकर रेडिएशन, सर्जरी व इयूनोथैरेपी शामिल है।
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‘पत्रिका’ ने पूर्व क्रिकेटर के बयान व वायरल वीडियो देखने के बाद राजधानी के प्रमुख कैंसर विशेषज्ञों से बात की तो पता चला कि यह पूरी तरह भ्रामक है। पूर्व क्रिकेटर का बयान नेचुरोपैथी से जुड़ी चीजों से जुड़ा है। इससे इयून पॉवर जरूर मजबूत हो सकता है, लेकिन कैंसर की बीमारी ठीक नहीं हो सकती। कैंसर की बीमारी पूरी तरह ठीक होने के बाद कब रिवर्स हो जाए, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। ऐसे में पूर्व क्रिकेटर के वायरल वीडियो पर विश्वास करने के बजाय कैंसर की पुष्टि होते ही विशेषज्ञ डॉक्टरों से इलाज करवाएं।
हर्बल या घरेलू नुस्खों के बजाय विश्वसनीय इलाज करवाएं। दूसरी ओर मुंबई स्थित टाटा मेमोरियल अस्पताल के कैंसर विशेषज्ञों ने भी इस दावे पर असहमति जताते हुए एक पत्र जारी किया है। इसमें कहा गया है कि पूर्व क्रिकेटर के दावों में कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। पत्र में ये भी कहा गया है कि अप्रमाणिक इलाजों पर भरोसा न करें। इलाज में देरी न करें। शरीर में कोई गांठ या कैंसर जैसे लक्षण दिखे तो कैंसर विशेषज्ञ से संपर्क कर तत्काल इलाज कराएं। राजधानी के कैंसर विशेषज्ञों का भी यही कहना है। उनका कहना है कि सोशल मीडिया पर भरोसा न करें। डाइट भी इसके अनुसार न लें।
सीनियर कैंसर विशेषज्ञ और नेहरू मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. विवेक चौधरी ने बताया कैंसर जानलेवा बीमारी है। डाइट व नेचुरोपैथी से इयून पॉवर बढ़ाया जा सकता है, दवाइयों का साइड इफेक्ट भी कम होता है, लेकिन कैंसर को ठीक नहीं किया जा सकता। इसके लिए मरीजों को कीमोथैरेपी, रेडिएशन, सर्जरी की जरूरत होती है। कैंसर का लक्षण दिखते ही विशेषज्ञ डॉक्टरों से इलाज कराना जरूरी है। सोशल मीडिया या वायरल वीडियो के भ्रम में न आएं।
शासकीय आयुर्वेद कॉलेज डॉ. हरींद्रमोहन शुक्ला ने कहा पूर्व क्रिकेटर के वायरल वीडियो को देखने से लगता है कि उन्होंने आयुर्वेद की चीजों का वर्णन किया है। ये चीजें रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करती है। इससे कैंसर से लड़ने में मदद मिलती है, लेकिन कैंसर पूरी तरह ठीक हो जाए, ऐसा कहना गलत है। इयून पॉवर बढ़ाने के लिए आयुर्वेद की चीजों का उपयोग करें। कैंसर के इलाज के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखाएं।

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