विटामिन ई के फायदे
– विटामिन ई में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। एंटीऑक्सीडेंट वो तत्व होते हैं जो फ्री रेडिकल्स से कोशिकाओं को बचाने में मदद करते हैं। वहीं, जब धूम्रपान या रेडिएशन के संपर्क में आने या शरीर के खाद्य पदार्थों को तोड़ने पर जो अणु बनते हैं, वो फ्री रेडिकल्स होते हैं।
विटामिन ई का मजबूत स्रोत हैं बादाम। बादाम से प्राकृतिक तरीके से विटामिन ई हासिल होता है। हम बादाम का दूध, बादाम तेल या कच्चे बादाम खाकर विटामिन ई हासिल कर सकते हैं।
विटामिन ई के मजबूत स्रोत में से एक है सूरजमुखी के बीज। सूरजमुखी के बीज से भरपूर मात्रा में विटामिन ई हासिल होता है। एक चौथाई कप सूरजमुखी के बीजों से दिनभर की जरूरत का लगभग 90.5 फीसदी विटामिन ई हासिल होता है। कद्दू और तिल के कच्चे बीजों से भी विटामिन ई हासिल होता है।
ब्रोकली
ब्रोकली भी हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में बहुत ही कारगर है। यह स्वास्थ्यवद्र्धक होती है जिससे हमें कई तरह के फायदे हासिल होते हैं। इसमें विटामिन ई के अलावा अन्य कई पोषक तत्व होते हैं जिनसे हमें बहुत से फायदे हासिल होते हैं। खानपान में ब्रोकली को प्राथमिकता दें।
जैतून से भी विटामिन ई खूब मिलता है। इसे अपने सलाद के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके तेल का इस्तेमाल पकाने के रूप में भी किया जा सकता है। आपको जैतून का स्वाद पसंद है तो यह आपके लिए बेहतर है। जैतून के एक कप से दिनभर की विटामिन ई की जरूरत का बीस फीसदी हमें हासिल होता है।
उबली हरी सब्जियां आपके लिए विटामिन ई का मजबूत स्रोत है। आप उबली हुई सब्जियों का एक कप भी लेते हैं तो आपको 17 फीसदी विटामिन ई हासिल होगा। इन उबली सब्जियों से आपको विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन के भी भरपूर मात्रा में मिलेगा।
अजमोद का इस्तेमाल गार्निश के रूप में किया जाता है लेकिन इससे हमें अच्छी मात्रा में विटामिन ई हासिल होता है। यह ताजा अच्छा माना जाता है लेकिन इसे सुखाकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। अजमोद को सलाद और सूप के रूप में अपने खानपान में प्रमुखता से शामिल किया जाना चाहिए।
एवोकेडो में भी विटामिन ई की भरपूर मात्रा होती है। एवोकेडो हमारे विटामिन ई की जरूरत को पूरा करने में सक्षम हैै। इससे हमें स्वास्थ्य संबंधी कई तरह के फायदे हासिल होते हैं। इसे सलाद के रूप में भी खाया जा सकता है। इसे अपने खानपान में प्राथमिकता से शामिल करना चाहिए।
पपीते से भी हमें अच्छी मात्रा में विटामिन ई हासिल होता है। पपीता खाने में भी स्वादिष्ट होता है। इसे फ्रूट सलाद, जूस या स्मूदी के रूप में खा सकते हैं। पपीते में विटामिन ई के अलावा और भी पौष्टिक तत्व हासिल होते हैं। पपीते को अपने खानपान का हिस्सा बनाकर हम पर्याप्त मात्रा में विटामिन ई हासिल कर सकते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार 14 साल से अधिक उम के लोगों को प्रतिदिन 15 मि.ग्रा विटामिन ई की जरूरत होती है। स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को 19 मि.ग्रा और 6 महीने से कम उम्र के शिशु को 4 मि.ग्रा विटामिन ई चाहिए होता है। 6 महीने से 1 साल के बच्चे को 5 मि.ग्रा, 1 से 3 साल के बच्चे को 6 मि.ग्रा, 4 से आठ साल के बच्चे को 7 मि.ग्रा और 9 से 13 साल के बच्चे को 11 मि.ग्रा विटामिन ई की जरूरत होती है।
अन्य विटामिनों की तरह विटामिन ई भी शरीर के लिए बहुत आवश्यक होता है और हर उम्र के व्यक्ति को इस विटामिन का सेवन जरूर करना चाहिए।