दुबलापन दूर करती है ग्वार की फली-
ग्वार पाठे की फली में मौजूद स्टार्च और प्रोटीन दुबलापन दूर कर शरीर को मजबूती प्रदान करता है। यह रक्त में शुगर का स्तर घटाकर डायबिटीज कंट्रोल रखती है। फायबर व पोटेशियम कोलेस्ट्रॉल कम करते हैं और फॉस्फोरस हड्डियां मजबूत करता है।
प्रयोग : कच्ची फलियों को सुखाकर फ्राई करें। नमक व मसाले मिलाकर रखें। इसे भोजन से पहले खाने से भूख खुलती है। सब्जी व अचार के रूप में इसका प्रयोग करें।
कौन न खाएं : पित्त, एसिडिटी व त्वचा संबंधी रोग वाले।
सहजन से घटता वजन-
विटामिन- ए व सी, कैल्शियम, प्रोटीन और पोटेशियम से भरपूर सहजन के पत्ते, फली व तने आदि से करीब 300 रोगों का इलाज संभव है। यह रक्तशोधक होने के साथ थायरॉयड, सूजन, जोड़दर्द, मोटापा, वायु-विकार दूर करती है। फलियों को उबालकर या पत्तों का साग बनाकर भी खाया जा सकता है। इसे कोई भी खा सकता है।
त्वचा रोगों से बचाती सेम की फली-
सब्जी या फ्राई कर खाने से वात, पित्त व कफ की दिक्कत दूर होती है। कैल्शियम, विटामिन-ए, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम से भरपूर सेम खून साफ करने व त्वचा व पेट संबंधी समस्या दूर करती है। इसे पीसकर लगाने से शरीर पर दाग हटते हैं। ध्यान रखें कि सेम की सब्जी के साथ दही न लें वर्ना अपच की दिक्कत हो सकती है।
सांगरी से रोग प्रतिरोधक तंत्र मजबूत-
यह इम्युनिटी बढ़ाने के साथ रक्तसंचार दुरुस्त करती है। इसमें मौजूद विटामिन-डी हड्डियां मजबूत करता है। यह शरीर के सुस्त नाड़ी तंतुओं को सक्रिय करने का काम करती है।
प्रयोग : सांगरी की फली को कैर, हरी मिर्च या लसोड़े के साथ मिलाकर सब्जी बनाकर खा सकते हैं। अचार के रूप में भी इसे इस्तेमाल कर सकते हैं। यह सभी के लिए फायदेमंद है।