जानकारी के मुताबिक रानपुर से लेकर अलीगढ़ 2 किलोमीटर तक की नहर बनाई जा रही है। जिसमें क्वालिटी तथा नहर के आकार को लेकर ग्रामीणों ने सवाल उठाए। जब उनकी सुनवाई ठेकेदार तथा संबंधित विभाग ने नहीं की तो उन्होंने मजबूरन नहर निर्माण के काम को रुकवा दिया। रानपुर के रहने वाले ग्रामीणों ने नहर निर्माण के दौरान उपयोग में लाई जा रही सामग्री की गुणवत्ता पर सवाल उठाए और कहा कि इस तरह नहर का निर्माण किसी भी तरह से लंबे समय के लिए उपयोग में नहीं लाया जा सकता। क्योंकि यहां घटिया क्वालिटी की सामग्रियों का उपयोग किया जा रहा है। जिससे नहर जल्द ही ध्वस्त हो जाएगी। तो वहीं कई ग्रामीणों ने नहर के आकार के छोटे होने का भी सवाल खड़ा किया।
पूर्व में भी किसानों ने किया था विरोध किसानों ने बताया कि पिछली सरकार के दौरान भी उन्होंने नहर बनाने का विरोध किया था। सरकार बदलने के बाद उन्हें उम्मीद थी कि उक्त कार्य में भ्रष्टाचार नहीं होगा मगर हालात नहीं बदले वर्तमान में भी ठेकेदार मनमाने ढंग से काम कर रहा है। जो कतई उपयोगी नहीं है।
घटिया क्वालिटी सामग्री का उपयोग ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए कहा कि एक दिन पूर्व सिंचाई विभाग के अधिकारी मौके पर आए थे। उन्होंने ठेकेदार के आदमियों से स्पष्ट रूप से कहा कि घटिया क्वालिटी की ईंट नहीं लगेगी और सीमेंट की मात्रा बढऩी होगी। इसके बावजूद घटिया क्वालिटी की ईंट एवं सीमेंट का प्रयोग किया गया। जिस कारण ग्रामीण लोकेन्द्र सिंह, देवेंद्र सिंह मंडाना, हरि बाबू, जवाहर सिंह, निहाल सिंह, जगदीश सिंह, लवकुश कुशवाह, रंजीत सिंह, मुन्ना लाल ने रविवार को सिंचाई विभाग एवं ठेकेदार के खिलाफ नारेबाजी की।
नहर निर्माण कार्य में घटिया क्वालिटी सामग्री का कतई प्रयोग नहीं किया जाएगा। यदि किया गया तो ठेकेदार के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। -राजकुमार सिंघल, एक्सईएन सिंचाई विभाग