भ्रस्टाचार उन्मूलन जनवादी समिति के लक्ष्मीकांत गुप्ता ने बताया कि पंचायत समिति में 32 ग्राम पंचायतें हैं जिनमें करोड़ों रुपए के कार्य कागजों में दिखाए गए हैं लेकिन जमीन पर हालात देखे जाएं तो नारकीय हैं। इन सबकी उच्च स्तरीय जांच के लिए मुख्यमंत्री और ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री को पत्र लिखा गया है। जिससे वास्तविक हालात जनता के सामने आ सकें और विभाग की कार्यप्रणाली भी जगजाहिर हो सके। ठीक इसी प्रकार जन चेतना ग्रामीण विकास समिति ने भी पत्र लिखकर राजाखेड़ा पंचायत समिति के कार्यकलाप की सीएजी ऑडिट करवाकर परिणाम आमजन के समक्ष रखने की मांग की है।
मैंने गड़बडझालों को लेकर कई बार आरटीआई के तहत आवेदन किए पर जावाब तक नहीं देते। यहां तो पूरी जांच जरूरी जरूरी है। मुकेश बघेल, भाजपा नेता देश के साथ राजाखेड़ा में भी ग्रामीण विकास के नाम पर सर्वाधिक राशि और बजट स्वीकृत होता है। पर राशि कहां खर्च होती है और विकास का स्तर क्या है। ये सभी जानकर भी आखिर अनजान क्यों बने हैं।दिनेश, नागरिकजब पूरी कर्यप्रणाली ही संदेह के घेरे में आ जाएं तो फिर गहन जांच ही न्याय है। अगर सरकार संवेदनशील है तो न्याय जरूरी है।
सत्यम, विधि छात्र