दरअसल, सोमवार को सोमेश्वर व्रत किया जाता है। सोमेश्वर दो शब्दों से बना है। सोम और इश्वर से बना है। सोम का अर्थ होता है- चन्द्रमा और इश्वर का अर्थ होता है देव। अर्थात वह देव जिसे देव ने भी अपना देव माना है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भगवान शिव को देवों के देव महादेव भी कह जाता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सोमवार के दिन भगवान शिव की आराधना करने से व्यक्ति निरोगी हो जाता है। बताया जाता है कि सोमवार के दिन श्राप के कारण कोढ़ से ग्रस्त चन्द्रमा ने भगवान शिव की आराधना की थी। इस आराधना से चन्द्रमा फिर से निरोगी होकर दोबारा सौंदर्य हासिल कर लिया था। जिसके बाद भगवान शिव ने अपनी जटाओं में मुकुट की तरह धारण कर लिया था।
मान्यता है कि सोमवार के दिन भगवान शिव की उपासना करने पर भगवान शिव के साथ-साथ चन्द्रमा की पूजा भी हो जाती है। कुछ लोग सोमवार के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की एक साथ पूजा करते हैं लेकिन सोमवार के दिन भगवान शिव और चन्द्रमा की ही पूजा का दिन माना गया है।