महाकुंभ में शाही स्नान का महत्व (Importance of royal bath in Mahakumbh)
महाकुंभ हर 12 वर्षों में एक बार प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में आयोजित होता है। इस दिन शाही स्नान का बड़ा महत्व है। धार्मिक कथाओं के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश निकला। जिस पर असुरों ने कब्जा करना चाहा। अमृत कलश को लेकर देवता और असुरों के बीच युद्ध हुआ। मान्यता है कि उस युद्ध के दौरान इन चार स्थानों पर अमृत की बूंदें गिरी थीं, जिन्हें अब कुंभ स्थलों के रूप में जानते हैं। शाही स्नान उन विशेष तिथियों पर होता है। जब ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति अत्यंत शुभ मानी जाती है।
क्या होता है शाही स्नान? (What is royal bath?)
मान्यता है कि इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में शाही स्नान के लिए देवताओं का आगमन होता है। इसके बाद प्रत्येक अखाड़े के नागा साधु और महामंडलेश्वर अपने एक भव्य शोभायात्रा के साथ शाही स्नान के लिए संगम पहुंचते हैं। सबसे पहले नागा साधुओं को स्नान का अधिकार दिया जाता है। इस स्नान को ‘शाही’ स्नान कहा जाता है। क्योंकि इसमें संतों और नागा साधुओं की शाही मौजूदगी होती है। इसके बाद आमजन स्नान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि साधु-संतों के स्नान के बाद संगम का जल अत्यंत पवित्र हो जाता है। इसे आध्यात्मिक ऊर्जा और धार्मिक शक्ति का प्रतीक माना जाता है। शाही स्नान को आत्मा की शुद्धि, पापों के नाश और मोक्ष प्राप्ति का साधन माना गया है।
शाही स्नान के लाभ (Benefits of Shahi Snan)
पापों का नाश धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शाही स्नान करने से व्यक्ति के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और पुण्यकारी फल की प्राप्ति होती है। आध्यात्मिक शुद्धि यह स्नान आत्मा की शुद्धि और मानसिक शांति प्रदान करता है। मोक्ष प्राप्ति मान्यता है कि इस स्नान से व्यक्ति को पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति मिल सकती है। उसको लिए मोक्ष के मार्ग प्रशस्त होते हैं।
सकारात्मक ऊर्जा इस स्नान के बाद व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
भारतीय परंपरा का प्रतीक है शाही स्नान (Shahi Snan is a symbol of Indian tradition)
महाकुंभ के दौरान शाही स्नान के दिन ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति को विशेष रूप से देखा जाता है। इन दिनों को पवित्र और शुभ माना जाता है। शाही स्नान की परंपरा न केवल आध्यात्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और सभ्यता का प्रतीक भी है।