स्वामी विवेकानंद की प्रेरणादायक बातें (Inspirational sayings of Swami Vivekananda)
विवेकानंद कहते थे कि खुद को कमजोर समझना दुनिया का सबसे बड़ा पाप है। उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए। यह प्रेरणा हमें जीवन के हर संघर्ष का सामना करने और अपने सपनों को साकार करने की शक्ति देती है। समस्त ब्रह्मांड की सभी शक्तियां हमें प्रदान हैं। वो हम खुद हैं कि अपनी आखों पर हाथ रख लेते हैं और खुद को कोसते हुए रोते हैं कि कितना अंधकार है। आप जो सोचते हैं, वही आप बनते हैं। स्वामी विवेकानंद का यह विचार हमें सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास के महत्व को समझाता है।
डरो मत। डर को खत्म करो और अपनी शक्तियों को पहचानो। उनके ये शब्द बताते हैं कि आत्मविश्वास और साहस से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है। जीवन में किसी की निंदा न करें। आप अगर किसी की मदद कर सकते हैं तो जरूर करें। अगर नहीं कर सकते तो हाथ जोड़िए और भगवान से प्रर्थान करिए और उनको अपने मार्ग पर जाने दीजिए।
स्वामी विवेकानंद कहते थे कि जिस काम को करने की प्रतिज्ञा करलो, उसे ठीक उसी समय पर पूरा करो। क्योंकि ये आपके आत्मविश्वास प्रबल करेगा। विवेकानंद जी कहते थे कि जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते, तब तक आप भगवान पर भी विश्वास नहीं करते।
जयंती पर स्वामी विवेकानंद को याद करने का तरीका (Way to remember Swami Vivekananda on his birth anniversary)
प्रेरणादायक पुस्तकें पढ़ें: उनकी पुस्तकें जैसे राजयोग और ज्ञानयोग पढ़ें। समाज सेवा करें: समाज की भलाई के लिए कार्य करना उनके विचारों का अनुसरण है। ध्यान और आत्मचिंतन करें: उनके अनुसार, ध्यान मानसिक शांति और विकास का आधार है। स्वामी विवेकानंद की जयंती हमें आत्मनिरीक्षण करने और उनके विचारों को अपने जीवन में लागू करने की प्रेरणा देती है। उनका जीवन संदेश हमें यह सिखाता है कि जीवन में कितनी भी कठिनाइयाँ आएं, अगर हमारा आत्मविश्वास और लक्ष्य स्पष्ट हो, तो सफलता निश्चित है।