3. गणेशजी की पूजा में तुलसीदल का इस्तेमाल न करें, इससे विनायक रूष्ट हो जाते हैं। इसके साथ ही इस दिन काला रंग धारण करने से बचें।
4. विनायक चतुर्थी के दिन फलाहार में नमक का इस्तेमाल न करें। इसे नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।
2. घर के पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र कर गणेशजी को आसन दें।
3. गणेशजी को पीले फूलों की माला अर्पित करें, धूप, दीप, नैवेद्य, अक्षत और दूर्वा अर्पित करें।
4. गणपति को मोदक और लड्डू का भोग लगाएं और व्रत कथा पढ़कर विनायक की आरती करें।
5. विनायक चतुर्थी की रात में चंद्रमा को अर्घ्य देकर ब्राह्मणों को दान दक्षिणा देकर व्रत का पारण करें।
1. ॐ गं गणपतये नम:।
2. वक्रतुण्डाय हुं।
3. सिद्ध लक्ष्मी मनोरहप्रियाय नमः
4. ॐ मेघोत्काय स्वाहा।
5. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।
6. ॐ नमो हेरम्ब मद मोहित मम् संकटान निवारय-निवारय स्वाहा।