1- किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आये – आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं । जिस प्रकार अलग अलग नदिया अलग अलग रास्ते से होकर विशाल समुद्र में मिल जाती है ठीक उसी प्रकार अलग अलग विचारो के लोग भले ही अलग विचार रखते हो लेकिन अंत में सभी ईश्वर के ही पास जाते है ।
2- खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप हैं । चिंतन करो, चिंता नहीं, नए विचारों को जन्म दो । भगवान सिर्फ उन्ही की सहायता करता है जो लोग खुद अपनी सहायता स्वय करते है ।
3- ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वो हमही हैं जो अपनी आँखों पर हाँथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार हैं । एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ ।
4- जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पर विश्वास नहीं कर सकते। जो अग्नि हमें गर्मी देती है, हमें नष्ट भी कर सकती है, यह अग्नि का दोष नहीं हैं ।
5- कुछ मत पूछो, बदले में कुछ मत मांगो। जो देना है वो दो, वो तुम तक वापस आएगा, पर उसके बारे में अभी मत सोचो ।
6- वेदान्त कोई पाप नहीं जानता, वो केवल त्रुटी जानता हैं। और वेदान्त कहता है कि सबसे बड़ी त्रुटी यह कहना है कि तुम कमजोर हो, तुम पापी हो, एक तुच्छ प्राणी हो, और तुम्हारे पास कोई शक्ति नहीं है और तुम ये-वो नहीं कर सकते ।
7- यदि तुम किसी का उपकार करो, तो लोग उसे कोई महत्व नहीं देंगे, किन्तु ज्यों ही तुम उस कार्य को बंद कर दो, वे तुरन्त तुम्हें बदमाश प्रमाणित करने में नहीं हिचकिचायेंगे। मेरे जैसे भावुक व्यक्ति अपने सगे – स्नेहियों द्वारा ठगे जाते हैं ।
8- जब लोग तुम्हे गाली दें तो तुम उन्हें आशीर्वाद दो। सोचो, तुम्हारे झूठे दंभ को बाहर निकालकर वो तुम्हारी कितनी मदद कर रहे हैं ।
9- मनुष्य की कामनाये समुन्द्र की तरह अनंत है अगर एक इच्छा पूरी होती है तो यह समुन्द्र में कोलाहल की तरह अनंत इच्छाए उत्पन्न करती है ।
10- खड़े हो जाओ, खुद में हिम्मत लाओ और सारी जिम्मेदारी के लिए खुद जिम्मेदार बनो तब खुद आप अपने भाग्य के रचियता बन सकते है ।