पहले शाही स्नान की तारीख (date of first royal bath)
महाकुंभ 2025 में पहला शाही स्नान 14 जनवरी मकर संक्रांति के पावन पर्व पर होगा। यह दिन हिंदू धर्म के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। क्योंकि सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। धार्मिक मान्यता है कि इस पवित्र दिन पर गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
शाही स्नान का महत्व (Importance of Shahi Snan)
शाही स्नान महाकुंभ मेले का सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। इसे राजयोग स्नान कहा जाता है। इस दिन विभिन्न अखाड़ों के साधु-संत भव्य शोभायात्रा के साथ संगम के घाट पर शाही स्नान के लिए पहुंचते हैं। जिसमें नागा साधु, महंत और अन्य संन्यासी अमृतमयी जल में डुबकी लगाते हैं। महाकुंभ का यह भव्य आयोजन भारतीय धर्म, संस्कृति और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। लाखों श्रद्धालु इस पवित्र स्नान में भाग लेने आते हैं। शाही स्नान का दृश्य बेहद मनमोहक होता है। यहां हर तरफ भक्तिमय वातावरण छाया रहता है। क्योंकि यह धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
शाही स्नान के लिए अन्य महत्वपूर्ण तिथियां (Other important dates for Shahi Snan)
29 जनवरी 2025 को दूसरा प्रमुख स्नान मौनी अमावस्या के दिन किया जाएगा। 3 फरवरी 2025 को बसंत पंचमी के दिन महाकुंभ में स्नान करना शुभ माना जाता है। 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्री का पर्व है। इस दिन महाकुंभ मेले में स्नान करना बेहद शुभ और पवित्र माना जाता है। महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर यहां शिव भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है।
पहले शाही स्नान की तैयारी (Preparation for the first royal bath)
महाकुंभ में शाही स्नान को लेकर प्रशासन और धार्मिक संगठनों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना को देखते हुए ट्रैफिक, सुरक्षा और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाएगा।