वहीं ये भी मान्यता है कि हनुमान जी भक्तों की सहायता करने मानव समाज में कई बार आते रहते हैं, लेकिन किसी को आंखों से दिखाई नहीं देते। वहीं पंडित सुनील शर्मा के अनुसार एक ऐसा मंत्र है जिसके जाप से हनुमान जी भक्त के सामने साक्षात प्रकट हो जाते हैं। संत समाज भी कुछ हद तक इसे स्वीकार्य करता है।
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार मंत्र की शक्ति से हनुमान जी को महसूस किया जा सकता है। उस वक्त आपको ऐसा लगता है, जैसे भगवान आपके सामने ही प्रगट हो चुके है। हालांकि, मंत्रोच्चारण को लेकर भी कुछ विधि और नियमों का पालन जरूरी है।
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मंत्र और इसके नियम…पंडित सुनील शर्मा के अनुसार जिस चमत्कारिक मंत्र की हम बात कर रहे है। वह मंत्र है… मंत्र: कालतंतु कारेचरन्ति एनर मरिष्णु , निर्मुक्तेर कालेत्वम अमरिष्णु।।
माना जाता है कि यह मंत्र स्वयं हनुमान जी ने पिदुरु पर्वत के जंगलों में रहने वाले कुछ आदिवासियों को दिया था। पिदुरु ( पूरा नाम “पिदुरुथालागाला ) श्रीलंका का सबसे ऊंचा पर्वत है। जब प्रभु रामजी ने अपना मानव जीवन पूरा करके समाधि ले ली थी, तब हनुमान जी पुन: अयोध्या छोड़कर जंगलों में रहने लगे थे।
जब वे पिदुरु से लौटने लगे तब उन्होंने यह मंत्र उन जंगलवासियों को देते हुए कहा – “मैं आपकी सेवा और समर्पण से अति प्रसन्न हूं। जब भी आप लोगों को मेरे दर्शन करने की अभिलाषा हो, इस मंत्र का जाप करना मै प्रकाश की गति से आपके सामने आकर प्रकट हो जाउंगा।
मान्यता है कि जंगलवासियों के मुखिया ने पूछा था कि “भगवन , आपने हमें तो आत्मा का ज्ञान दे दिया है जिससे हम तो अपनी आत्मा के आपके साथ सम्बन्ध से परिचित हैं, लेकिन हमारे बच्चों और आने वाली पीढिय़ों का क्या ? उनके पास तो आत्मा का ज्ञान नहीं होगा। उन्हें अपनी आत्मा के आपके साथ सम्बन्ध का बोध भी नहीं होगा। इसलिए यह मंत्र उनके लिए तो काम नहीं करेगा।
इस कुटुंब के जंगलवासी अब भी श्रीलंका के पिदुरु पर्वत के जंगलों में रहते हैं। वे आदिवासी आज तक आधुनिक समाज से कटे हुए हैं। इनके हनुमान जी के साथ विचित्र सम्बन्ध के बारे में पिछले साल ही पता चला जब कुछ अन्वेषकों ने इनकी विचित्र गतिविधियों पर गौर किया गया है।
जानिये अब कब आएंगे हनुमानजी
हर 41 साल बाद होने वाली घटना का हिस्सा हैं जिसके तहत हनुमान जी अपने वचन के अनुसार उन्हें हर 41 साल बाद आत्म ज्ञान देते आते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि हनुमान जी उनके पास 2014 में भी यहां रहने आए थे। इसके बाद वे 41 साल बाद यानि 2055 में आएंगे,लेकिन वे इस मंत्र का जाप करके कभी भी उनके साक्षात् दर्शन प्राप्त कर सकते हैं।
बताया जाता है कि जब हनुमान जी उनके पास 41 साल बाद रहने आते हैं तो उनके द्वारा उस प्रवास के दौरान किए गए हर कार्य और उनके द्वारा बोले गए हर शब्द का एक एक मिनट का विवरण इन आदिवासियों के मुखिया बाबा मातंग अपनी हनु पुस्तिका में नोट करते हैं।
– मंत्र – ॐ मारकाय नमः , मंत्र जाप लगातार 9 मंगलवार को करें।।
– मंत्र – ॐ पिंगाक्षाय नमः , संकल्प की संख्या में लगातार 9 मंगलवार इस मंत्र का जाप करें।। : मान-सम्मान और यश पाने के लिए…
मंगलवार को…
– मंत्र – ॐ व्यापकाय नमः , संकल्प की संख्या में लगातार 9 मंगलवार इस मंत्र का जाप करें