चैत्र पूर्णिमा 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त (Chaitra Purnima 2022 Date And Shubh Muhurat)
चैत्र पूर्णिमा तिथि: शनिवार, 16 अप्रैल 2022
पूर्णिमा पर चांद का समय: शनिवार,16 अप्रैल 6:27 PM
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: शनिवार,16 अप्रैल, 2:25 AM
पूर्णिमा तिथि समापन: रविवार,17 अप्रैल 12:24 AM
सूर्योदय का समय: 05:55 AM
सूर्यास्त का समय: 06:47 PM
भद्रा: 05:55 AM से 01:28 PM
राहुकाल: 09:08 AM से 10:45 AM
चैत्र, हिंदू कैलेंडर का पहला महीना होने के चलते इस की पूर्णिमा साल की पहली पूर्णिमा कहलाती है, जिसके कारण इसका विशेष महत्व भी माना जाता है। जानकारों के अनुसार साल की इस पहली पूर्णिमा पर कुछ विशेष उपाय अति महत्वपूर्ण होते हैं, माना जाता है कि इनसे मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होने के चलते व्यक्ति के पास नए स्त्रोतों से धन का आमगन होने के चलते उसकी आर्थिक स्थिति में सुधार आने के साथ ही वह जल्द ही धनवान हो जाता है।
चैत्र पूर्णिमा के दिन ये करें विशेष उपाय
1. इस दिन चंद्रोदय के समय कच्चे दूध में चीनी और चावल डालकर “ॐ स्रां स्रीं स्रौं स: चन्द्रमसे नम:” या ” ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम: ” मंत्र का जाप करते हुए चंद्र को अर्घ्य दें। माना जाता है कि ऐसा करने से मानसिक शांति मिलती है।
2. इस दिन मां लक्ष्मी को 11 कौड़ियां अर्पित करनी चाहिए। फिर इन कौड़ियों पर हल्दी का तिलक लगाकर इनकी पूजा करें। जिसके पश्चात अगले दिन लाल कपड़े में बांधकर इन कौड़ियों को अपनी तिजोरी में रख लें। माना जाता है कि ऐसा करने से आर्थिक तंगी से छुटकारा प्राप्त होता है।
3. इस दिन मां लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा करने के बाद खीर का भोग लगाना चाहिए। वहीं पूजा के पश्चात मां के मंत्रों का भी जाप करने के अलावा तुलसी में घी का दीपक जलाना चाहिए। माना जताा है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
4. सभी कष्टों को दूर करने के लिए पूर्णिमा तिथि के दिन पीपल के वृक्ष पर सुबह के समय स्नान के बाद जल अर्पित करना चाहिए। साथ ही मां लक्ष्मी की पूजा करें। इसका कारण यह है कि मान्यता के अनुसार पीपल पर मां लक्ष्मी जी का वास होता है, तो ऐसा करने वालें अपने सभी भक्तों के मां समस्त कष्ट दूर करती है।
5. देवी मां लक्ष्मी को आमंत्रित करने के लिए चैत्र पूर्णिमा को सुबह स्नान के पश्चात तुलसी जी को भोग लगाने के बाद उनके सम्मुख घी का दीपक जलाकर उन्हें जल अर्पित करना चाहिए। माना जाता है ऐसा करने से रात्रि में मां लक्ष्मी का आती हैं।